tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post1083473602534785836..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: लो क सं घ र्ष !: न उनकी हार नई है न अपनी जीत नईआर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-57825990509288182532010-04-30T09:23:15.401-07:002010-04-30T09:23:15.401-07:00जब तक श्रम और पूँजी के बीच लाभ के समीकरण निश्चित न...जब तक श्रम और पूँजी के बीच लाभ के समीकरण निश्चित नहीं हो जाते सब इसी तरह घसड़-पसड़ होता रहेगा। मजदूर जीत के मुग़ालते में रहेंगे और धनवान उन्हें चूसते रहेंगे।<br />एक और पक्ष है जो सपना लाल झंडा उठा कर कुछ लोग मजदूरों के नुमाइंदे बन रहे हैं उनमें से कितने लोग तो खुद ही मजदूरों का खून पाइप लगा कर पीते हैं। साम्राज्यवाद बनाम समाजवाद में ये भी अपनी चाँदी काटने से नहीं चूकते मजदूरों के हिमायती होने का खुला ढोंग करके। लाल झंडा लेकर आज देश में क्या नंगनाच चल रहा है ये किस अंधे से छिपा है???<br />जय जय भड़ासमुनेन्द्र सोनीhttps://www.blogger.com/profile/01045795613217822984noreply@blogger.com