tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post1663429573265645002..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: गोलमाल है भई कुछ गोलमाल है !आर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-82298744498986058672011-05-11T08:58:14.710-07:002011-05-11T08:58:14.710-07:00आगे आगे देखिये होता है क्या?भड़ास सिर्फ़ आनलाइन लिखा...आगे आगे देखिये होता है क्या?भड़ास सिर्फ़ आनलाइन लिखाई नहीं बल्कि आफ़लाइन एक जीवन शैली है। भाई जो चल रहा वो कुछ नया नहीं है।<br />जय जय भड़ासज़ैनब शेखhttps://www.blogger.com/profile/18408553324846053381noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-41962697251059019352011-05-10T12:25:00.172-07:002011-05-10T12:25:00.172-07:00प्रवीण जी देखिये ये कमेंट मैं डा.रूपेश श्रीवास्तव ...प्रवीण जी देखिये ये कमेंट मैं डा.रूपेश श्रीवास्तव शालू जैन के नाम से कर रहा हूं अब तो आप समझ गये होंगे कि क्या चक्कर है अब चाहें तो हमारे ऊपर आरोप लगा सकत हैं कि ये सब हम ही कर रहे हैं।<br />जय जय भड़ासकुमारी शालू जैनnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-87344466056535987832011-05-10T12:22:54.007-07:002011-05-10T12:22:54.007-07:00प्रवीण शाह जी जिस कदर मासूमियत से आप कह रहे हैं कि...प्रवीण शाह जी जिस कदर मासूमियत से आप कह रहे हैं कि संचालकों को पासवर्ड सुरक्षित रखने चाहिये या नतीजों पर पहुंचने की जल्दबाजी न करें तो आप इतने भोले तो नहीं हैं कि सेना का एक भूतपूर्व मेजर ये कहे कि शालू जैन और सुरेश वर्मा के नाम से पहले कमेंट करे जा चुके हैं। प्रवीण जी ये तो खेल है जो अनूप मंडल के लोग जमाना पहले तब ही खोल कर रख चुके हैं जब मेरा नाम लेते हुए एक मेरे मित्र नहीं पर शत्रु भी नहीं भाई सुरेश चिपलूणकर के नाम से भद्दे कमेंट राजसिंह के ब्लाग पर करा था। ब्लागर की सुरक्षा को हैक करना इतना आसान होता तो अब तक भड़ास को पचासों बार विरोधी डिलीट कर चुके होते। मैं अमित जैन को तो जो कहना है कह चुका हूं अब आपसे कहता हूं क्योंकि आप अमित जी को पाक साफ़ मान रहे हैं तो उन्हें कहिए कि वे अपनी वो पोस्ट दोबारा लिखें और वह स्क्रीन शाट दोबारा प्रस्तुत करें तब ही आगे बात संभव है वरना यह भड़ास के संचालन के ऊपर सीधा पक्षपात का आरोप है कि हम दोनो में से कोई ऐसा कर रहा है। भाई रजनीश झा तो आजकल नौकरी में व्यस्त हैं तो सारा दारोमदार मेरे ही ऊपर है। मैं इस आरोप से मुक्त होना चाहता हूं।<br />आपके ई-मे को अनूप मंडल के सदस्यों ने जानना चाहा था कि अब तो आप भड़ास के सदस्य हैं तो आपसे सीधा राबता कायम करा जा सके तो मैंने उन्हें बताया कि आप नहीं चाहते कि आपका आई.डी.जाहिर करा जाए साथ ही आपने अपने उस आई.डी.से भड़ास ज्वाइन भी नहीं करा जिस पर मैंने सदस्यता लिंक भेजी थी। इसमें मैंने आपकी गोपनीयता भंग नहीं करी है ये तो साफ़ है या इसमें भी आपको कुछ गोलमाल लग रहा है।<br />वो ट्रिक जो शालू जैन और सुरेश वर्मा के नाम से करी जाती है वह मैं आपको करके दिखा देता हूं ताकि आप मासूमियत के दायरे से बाहर आ जाएं;)<br />जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.com