tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post2191533522877099699..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: शाकाहार क्यो //?आर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-24973582207286379072009-03-26T05:05:00.000-07:002009-03-26T05:05:00.000-07:00अमित भाई आने वाले समय में जैसे आजकल लोग आदमखोरों क...अमित भाई आने वाले समय में जैसे आजकल लोग आदमखोरों के होने की बात आश्चर्य से करते हैं वैसे ही गोश्तखोरों की बात करा करेंगे कि एक समय था जब कुछ लोग पशु-पक्षियों को मार कर उनका मांस खाया करते थे। भोजन का धर्म से कोई सीधा संबंध नहीं है आहार पेट की बात है और धर्म आत्मा की जरूरत.... बहुत सारी बाते हैं आयुर्वेद में लोग कहते हैं कि हड्डी-मांस आदि से दवाएं बनती हैं तो बस इतना ही कि औषधि व आहार में भी अंतर है.... लेकिन जिसे खाना है वो तो मात्र डेढ़ इंच की जीभ के स्वाद के लिये न जाने क्या-क्या तर्क देगा और जिसे अपने स्वास्थ्य की चिंता है वह बिना किसी तर्क या पूर्वाग्रह के हमारी वरिष्ठ भड़ासी मुनव्वर आपा की तरह छोड़ देगा और खुश रहेगा स्वस्थ रह कर..... जिसे खाना है खाओ यार मैं तो कहता हूं कि इसी बहाने किसी गरीब डाक्टर के घर में चूल्हा तो जलता रहेगा जब तुम्हें खुद अपनी परवाह नहीं ......<BR/>जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.com