tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post2369545548966647015..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: प्रवीण शाह जी,चमत्कारिक तर्कशक्ति का प्रयोग करके बताइये तोआर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-10022212951152114092011-06-04T22:49:38.115-07:002011-06-04T22:49:38.115-07:00प्रवीण शाह जी ब्लॉगर खुशदीप जी ने अपना नजरिया बता ...प्रवीण शाह जी ब्लॉगर खुशदीप जी ने अपना नजरिया बता दिया और आप उनसे सहमत हैं लेकिन भड़ासी तो एक्स्ट्रीमिस्ट हैं उछलने वाली गेंदों को तब तक पीटते रहते हैं जब तक कि वे टूट न जाएं। कोई भी गेंद ऐसी नहीं होती जो कभी टूटे न बस यही भड़ासी दर्शन तो है जो हमें खुशदीप की खुश रहने वाली बात से जुदा कर दाँत किटकिटाए रखते हुए भी मुस्कराने पर मजबूर करे रहता है।<br />भड़ास इन उछलने वाली गेंदों के वजूद को नजरअंदाज़ नहीं करता और उन्हें गेंद से इन्सान बनने के लिये पीटता रहता है। भड़ास के बेनामी कौन हैं आपने कोई तर्क प्रस्तुत नहीं करा क्या बात है???<br />जय जय भड़ासमुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہhttps://www.blogger.com/profile/07581617208915603720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-85883078694098158982011-06-03T23:52:37.358-07:002011-06-03T23:52:37.358-07:00ऐसे कमेंट्स करने वाले का कुछ पता लगा या नहीं ? मेर...ऐसे कमेंट्स करने वाले का कुछ पता लगा या नहीं ? मेरे ब्लॉग पर भी एक बार कोई ऐसे ही गलत लिख रहा था तो मैंने उसका पता लगा कर उसे वार्निंग दे दी उसके बाद उसका कोई गलत कमेन्ट नहीं आया !<br />मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है : <a href="http://blinddevotion.blogspot.com/2011/06/blinddevotion-post.html" rel="nofollow" title="Blind Devotion Blog - Love, Affection and Admiration for Someone">Blind Devotion - अज्ञान</a>Sachin Malhotrahttps://www.blogger.com/profile/03009133788693822541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-75038267707827924622011-06-03T18:04:01.073-07:002011-06-03T18:04:01.073-07:00.
.
.
आदरणीय डॉ० साहब,
इन बेनामी कमेंट्स के पीछे ....<br />.<br />.<br />आदरणीय डॉ० साहब,<br /><br />इन बेनामी कमेंट्स के पीछे कोई फनीका ही है, ब्लॉगर खुशदीप अक्सर कहते हैं कि इस तरह के लोग एक ऐसी गेंद के जैसे होते हैं जिसे जितना जोर से पटको वह उतना ही उछलती है, अत: कृपया इनको इस तरह भाव देकर व उनके विकृत विचारों को प्रकाशित कर उनका हितसाधन न करें... इन फनीका बेनामियों के लिये गुमनामी ही सही है।<br /><br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.com