tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post2947372742811216612..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: यशवंत ने बेचा भड़ास को, भड़ास की आत्मा हमारे पास.आर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-14626895990361593862009-02-07T04:58:00.000-08:002009-02-07T04:58:00.000-08:00डाक्टर साहब,एक बार और हमें इस तरह की धमकी मिली थी,...डाक्टर साहब,<BR/>एक बार और हमें इस तरह की धमकी मिली थी, मेल के अम्बार लगे थे, निसंदेह पंखे की भड़ास ने वो दिन भूले नही होंगे, सायबर क्राइम और पुलिस के साथ अदालत की धमकी, सो इसे समझ लेना चाहिए कि इसका असर भडासी पर नही होता, कानून पुत्र जस्टिस साहब जिन्हें मैं भड़ास पिता मानता हूँ से अनभिग्य लोग भिग्य हो जाएँ. <BR/>रही बात दुकानदारी की तो हमें क्या ऐतराज हो सकता है दुकानदारी पर, मगर वो भड़ास कि आत्मा की कीमत पर नही, हम अपनी आत्मा नही बेच सकते.<BR/>एक धमकी का असर देख चुकने के बाद भी अगर ये बनिया फ़िर से धमकी धमकी खेलना चाहता है, तो अपने अंजाम को पुरानी कहानी के साथ जोड़ कर ही रखे.<BR/>जय जय भड़ासAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-46489023974830483272009-02-04T02:47:00.000-08:002009-02-04T02:47:00.000-08:00भाई बनिया होना बुरा नहीं है लेकिन विचार शुभ लाभ से...भाई बनिया होना बुरा नहीं है लेकिन विचार शुभ लाभ से जुड़ा हो तो राष्ट्र ही नहीं अपितु सारे विश्व का कल्याण होगा अन्यथा पतन से कोई रोक नहीं सकता है। <BR/>जय जय भड़ासहरभूषणhttps://www.blogger.com/profile/03182059013988076438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-38085673485410411482009-02-03T10:00:00.000-08:002009-02-03T10:00:00.000-08:00अग्नि बेटा! तुम्हारी कलम मुझे धमकवा रही है,मुझे फो...अग्नि बेटा! तुम्हारी कलम मुझे धमकवा रही है,मुझे फोन करा जा रहा है मेल-(फी)मेल भेजे जा रहे हैं। क्या मुझे डराया जा सकता है? शायद नशा ज्यादा करने लगे हैं हमारे मुखौटेवाले विरोधी कि ये भूलने लगे कि रुद्राक्षनाथ से सामना है जिसके पास खोने के लिये कुछ नहीं है। इनके पास खोने के लिये धन से लेकर परिवार तक सब कुछ है मेरे पास फकीर के पास क्या है जो खोकर शोक करेगा सिवाय मेरे प्रेम के? सावधान रहें वे लोग कि अगर उनके प्रति मेरा प्रेम खो गया तो अधिक कष्ट होगा और अगर तैयारी है उनकी तो चलो सत्यानाश-सत्यानाश खेलते हैं मायाजाल में इस खेल का भी आनंद ले लिया जाए<BR/>जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.com