tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post3343005868862042485..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: अब महा धूर्त मक्कार शम्स , पहले संजय , न जाने कितने बिना प्रोफाइल के व्यक्तित्व अब भडास पर विचरण कर रहे हैआर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-80106567529900683222011-05-17T03:32:53.976-07:002011-05-17T03:32:53.976-07:00"फ़िर" का मतलब समझे?
अरे सिर...
जो कि फ़िर..."फ़िर" का मतलब समझे?<br />अरे सिर...<br />जो कि फ़िर चुका है <br />यानि सिरफ़िरा है तू....sanjayhttps://www.blogger.com/profile/16767894444704379842noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-86559331313079826562011-05-17T03:30:44.099-07:002011-05-17T03:30:44.099-07:00हम समझ गये अमित जैन कि आप ही डा.रूपेश श्रीवास्तव ह...हम समझ गये अमित जैन कि आप ही डा.रूपेश श्रीवास्तव हो और सबको कार्टून बनाए रहते हो। प्रवीण शाह भी आप ही हो।<br />अगर आप दो लोग हो तो प्रवीण शाह तस्वीर में वो है जो मिट्टी से सिर्फ़ फ़िर निकाले है क्योंकि उसे हम सबने नंगा कर दिया है और जिसकी पिछाड़ी दिख रही है वह आप हैं जिसकी कभी स्टेथस्कोप जैसी हो जाती है कभी किसी औरत के गले में बाँहें डाले आदमी जैसी। आपका पिछवाड़ा आमंत्रण की मुद्रा में आपने जैसे उठा रखा है वह "थ्री ईडियट" फ़िल्म के आखिरी सीन जैसा दिख रहा है अच्छा है।<br />अब अनूप मंडल के खिलाफ़ कार्टून बनाओ और मेरे खिलाफ़ भी।<br />जय जय भड़ासsanjayhttps://www.blogger.com/profile/16767894444704379842noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-48285010378053724062011-05-17T03:19:50.087-07:002011-05-17T03:19:50.087-07:00आप खूब अच्छी तरह जानते हैं कि आपने अनूप मंडल की को...आप खूब अच्छी तरह जानते हैं कि आपने अनूप मंडल की कोई कारगुजारी की कोई तस्वीर भड़ास पर नहीं दिखाई गयी है और हम सब जानते हैं लेकिन ये मूर्खता है कि अब मेरे ऊपर ये आरोप लग रहे हैं कि मैं फ़र्जी प्रोफ़ाइल बना कर जबरन विवादास्पद लेखन करता हूँ तो मैं ही क्या इस बात से तो न जाने कितने भड़ासी सहमत हैं कि मैं ही <b>अमित जैन</b> के नाम से अनूप मंडल की लेता रहता हूं। ये बात अलग है कि अनूप मंडल ने कभी इस बात पर ऐतराज न करते हुए बिना दोषारोपण करे अपना लेखन उद्देश्य सहित जारी रखा है। ठीक इसी प्रकार मेरा एक और फ़र्जी आई.डी.है जिससे मैंने अभी हाल ही में भड़ास पर लिखना शुरू करा है वह है <a rel="nofollow">प्रवीण शाह</a> ;०<br />ये भी एक काला जादू है :) है न मजेदार??<br />जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.com