tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post3425596433100256279..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: मीडिया स्कैन ने भड़ास की ऐसी तैसी कर दी संपादन के नाम परआर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-65851115359818370192009-06-06T06:24:41.004-07:002009-06-06T06:24:41.004-07:00हो चुकी है, अरे गुरुवार कब से है बहुतो के देखा और...हो चुकी है, अरे गुरुवार कब से है बहुतो के देखा और और सभी अर्धसत्य ही हैं, इन्हें लैंगिक विकलांग ना कहें ये उनका अपमान होगा जिन पर इस्वरिय कोप हुआ, ये तो हमारे समाज के स्व निर्मित संसाधन हैं, और ढिठाई ऎसी कि विकलांगता के बावजूद लोकतंत्र का आइना बनने कि कवायद.<br /><br />लोकतंत्र के ऐसे नासूर पर हमें ही तो नकेल डालना है<br /><br />जय जय भड़ासAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-77978353849260512052009-06-06T04:00:51.051-07:002009-06-06T04:00:51.051-07:00यानि कि अर्धसत्य.....
यही वजह है कि पत्रकारिता भी ...यानि कि अर्धसत्य.....<br />यही वजह है कि पत्रकारिता भी लैंगिक विकलांग हो चुकी है,सत्य के पुरुषांग को काट कर बस मर्दाने कपड़े पहना कर सामने लाने का ही ये नतीजा है कि आज मीडिया से जुड़े लोगों को आम जनता कार्टून और जोकर से ज्यादा नहीं समझती<br />जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-42035635867923896702009-06-06T02:37:34.886-07:002009-06-06T02:37:34.886-07:00गुरुदेव सबकी अपनी अपनी मजबूरी,
सच को जहाँ तक आत्म...गुरुदेव सबकी अपनी अपनी मजबूरी,<br /><br />सच को जहाँ तक आत्मसात करना था किया उसके बाद तौबा कर ली तो मीडिया स्कैन क्यूँ पीछे रहे.<br /><br />जय जय भड़ासAnonymousnoreply@blogger.com