tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post4753347948545287838..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: "नउआ" का छक्का-चउआ, कान ले गया कउआ..... फ़ुर्रर्रर्र.....आर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-3181681494403640632009-06-20T00:39:10.263-07:002009-06-20T00:39:10.263-07:00HUM BHADASIYON KI BHID ME KOI BHADBHADA KE GIR GAY...HUM BHADASIYON KI BHID ME KOI BHADBHADA KE GIR GAYA HAI....RASTA DIJIYE KHUD HI BAHAR NIKAL JAYEGA..मनोज द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/18121487995419807145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-79620299851143402412009-06-20T00:04:39.528-07:002009-06-20T00:04:39.528-07:00अजय सर ने सही कहा कि हम लोग दिल से ही सोचते हैं और...अजय सर ने सही कहा कि हम लोग दिल से ही सोचते हैं और हमें स्वयंभू गुणीजनों की जरूरत भी नहीं है जो हमें आकर ईश्वर की भक्ति और इंसानियत का पाठ पढ़ाने का पाखंड करें और उसकी आड़ में हमें चूसते-पेलते रहें जैसा कि सदियों से बौद्धिक किस्म के हरामी करते आए हैं।<br />जय जय भड़ासदीनबन्धुhttps://www.blogger.com/profile/16791040700205738985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-61173930206584467312009-06-19T23:37:36.144-07:002009-06-19T23:37:36.144-07:00राजू भइया जी, बस एक बात कहता हूं कि भड़ास पर सचमुच ...राजू भइया जी, बस एक बात कहता हूं कि भड़ास पर सचमुच में आपके पैमाने के गुणीजन आते ही नहीं है और विवेक-सिवेक जैसी बात भड़ासियों में नहीं है ये उनके पास होती जो दिमाग से सोचते हैं हम ठहरे ठर्र गंवार जो बस दिल से सोचते हैं। इसलिये महाराज हम जैसे थे वैसे ही रहने वाले हैं.... भौं..भौ...भौं... :)<br />जय जय भड़ासअजय मोहनhttps://www.blogger.com/profile/07568104249672133841noreply@blogger.com