tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post5033600064396518478..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: लो क सं घ र्ष !: हिन्दी राष्ट्रीय भाषा नही है ?आर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-85053530373467368742009-12-05T01:50:04.062-08:002009-12-05T01:50:04.062-08:00सही कहा गुरुदेव आपने,
सबका अपना अपना राग है, मगर ह...सही कहा गुरुदेव आपने,<br />सबका अपना अपना राग है, मगर हम देश हित को छोड़ इन छुटपन पर ध्यान क्यूँ दे रहे हैं.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-92231491323321634482009-12-03T10:47:38.965-08:002009-12-03T10:47:38.965-08:00भाईसाहब संविधान निर्माताओं ने हिन्दी को देवनागरी ल...भाईसाहब संविधान निर्माताओं ने हिन्दी को देवनागरी लिपि के साथ राजभाषा का दर्जा दिया था उस समय शंका न थी कि अगले पंद्रह साल में भी हिंदी को पूरी तरह स्थापित न करा जा सकेगा। संविधान लागू होने के पांच साल बाद आयोग गठित हो जो कि राष्ट्रपति को अपनी सिफ़ारिशें दे ऐसी व्यवस्था करी गयी लेकिन प्रभु तब भी भाषाई विवाद ऐसा ही था तभी तो फ़्रेंक एन्थोनी और एम.सी.छागला आदि अपनी राजनीति चमकाए रहे थे।<br />रजुआ और बलुआ ठाकरे शठ हैं उनके प्रलाप पर ध्यान नहीं देना चाहिए।<br />पत्रकारिता की जमात में आने वाले लोग पेड़ से नहीं टपकते संजय भाई तो इनसे भी कुछ अलग चमत्कारिक उम्मीद नहीं करनी चाहिये। जिसे देखो वही तो साला शिक्षा, समाजसेवा, पत्रकारिता को सीढी बना कर नेता बनना चाहता है<br />जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-20223685979704638952009-12-03T06:27:33.438-08:002009-12-03T06:27:33.438-08:00सुमन जी ऐसे लोगों को पहचानने की ज़रूरत ही नहीं है द...सुमन जी ऐसे लोगों को पहचानने की ज़रूरत ही नहीं है दरअसल ये खुद ही ऐसे विवाद पैदा कर लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने में लगे हैं वैसे भी बात अगर देश की हो तो ये मराठी मानुष या ये तथाकथित देशभक्त संगठन जिनका जिक्र आपने किया है चूहे के बिल में छुप जाते हैं या खुद विमान में आतंक वादिओं को सवार करके उनके घर दावत भी उड़ा आते हैं और यही काम अगर इनके सिवा कोई और कर दे तो हाय तौबा मचाने लगते हैं और इन कफ़न बेचने वालों से उम्मीद ही क्या की जा सकती है...<br /><br /><br />आपका हमवतन भाई गुफरान सिद्दीकी (अवध पीपुल्स फोरम अयोध्या फैजाबाद)गुफरान सिद्दीकीhttps://www.blogger.com/profile/00680052955710032455noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-70362338485303120712009-12-03T05:36:40.300-08:002009-12-03T05:36:40.300-08:00राजठाकरे तो राजनेता है अपने स्वार्थ के लिए देश को ...राजठाकरे तो राजनेता है अपने स्वार्थ के लिए देश को बेच दे, मगर आपकी जमात जो खुद को परम पवित्र समझती है सबसे पहले हिन्दी राष्ट्रभाषा नहीं है का राग अलापने लगी थी. जरा अपनी इस बिकी हुई अंग्रेजीदा पत्रकार कौम के बारे में भी लिखें. नाम दूँ क्या किसने कहा?संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.com