tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post5270494185456854282..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: इस वाकये पर हसू या सोचता रहू ( आप ही बताओ )(आर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-89328713065402632602009-08-20T05:06:30.913-07:002009-08-20T05:06:30.913-07:00विनोद भाई सभी भड़ासी आपको धन्यवाद करते हैं कि आपने ...विनोद भाई सभी भड़ासी आपको धन्यवाद करते हैं कि आपने भड़ास पर कुछ "चुराने" जैसा पाया। आपका स्वागत है हम सब भी इसी तरह दूसरों के चिट्ठों से अक्सर मार दिया करते हैं और गरियाए जाते है लेकिन शर्म-प्रूफ़ हो चुके हैं तो आप समझ सकते हैं कि हम बस खुश रहने के लिए ये सब करते हैम। एक बार फिर से आपका आभार(हो सकता है कि अमित भाई ने भी ये कहानी कहीं से मारी ही हो :)<br />जय हो जय हो अमित भाई की जय हो)<br />जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-634532883445690442009-08-19T23:21:43.123-07:002009-08-19T23:21:43.123-07:00यह तो मालूम नहीं की इस कहानी को पढ़ कर हँसना चाहिये...यह तो मालूम नहीं की इस कहानी को पढ़ कर हँसना चाहिये की सोचना ,परन्तु कहानी बहुत अछी लगी इस लिए बिना अनुमति लिए ही चुरा रहा हु !शिवरायण कुमार विनोदhttps://www.blogger.com/profile/16779553214303607845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-16210855277062672602009-08-18T11:38:50.439-07:002009-08-18T11:38:50.439-07:00भाई यही जिंदगी है एक हाथ से बुनते जाओ दूसरे हाथ से...भाई यही जिंदगी है एक हाथ से बुनते जाओ दूसरे हाथ से आंसू पोछते जाओ..........<br />जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.com