tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post5666481580643179912..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: प्रवीण शाह जी सचमुच अब चिरकुटई का खेल खत्म ही हो रहा है लेकिन आप और अमित जैन उसे जारी रखे हैंआर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-52569538239714793522011-05-19T04:12:10.054-07:002011-05-19T04:12:10.054-07:00आदरणीय डा.साहब जो मासूमियत के चलते गलती कर रहा हो ...आदरणीय डा.साहब जो मासूमियत के चलते गलती कर रहा हो उस अनजान को आप समझा सकते हैं लेकिन इस कपटमुनि को नहीं ये दानव अपने मायाजाल में भडास के संचालकों और पाठकों को उलझाना चाहता है। इसे नहीं पता कि ये किधर आ गया है और कैसे खुद ही भागेगा। अभी कुछ दिनों से अमित जैन की सांस रुकी हुई है जब से आपने उसे पटखनी दी है, ये उससे ज्यादा निर्लज्ज और कपटी है लेकिन आपके पास इसकी हर मायावी चाल की काट है।<br />जय जय भड़ास<br />जय नकलंक देव<br />जय जय भड़ासअनोप मंडलhttps://www.blogger.com/profile/05087851294634437587noreply@blogger.com