tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post5804613826029131938..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: लो क सं घ र्ष !: ‘‘बहुमत का जुल्म’’आर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-33338215221090151002010-02-11T07:34:26.843-08:002010-02-11T07:34:26.843-08:00ये सब है माया' की माया ,उनको है वह सींचती जो ह...ये सब है माया' की माया ,उनको है वह सींचती जो है उसका सरमाया ।<br />अब पेले दण्ड ,लगाये तेल .यह हैं भय्या बहुमत का खेल .<br />पहले भगाई अपनी गरीबी ,अब खाएं मलाई उहके करीबी ...<br />प्रजातंत्र ---आबाद होने का यंत्र ...बहुमत -----लूटने का संयंत्र ॥<br /> ........सुंदर रचनाकमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹https://www.blogger.com/profile/00826133201795019152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-34876239429099216082010-02-11T04:27:59.779-08:002010-02-11T04:27:59.779-08:00अरे भाईसाहब वेतन आयोग की सिफ़ारिशों पर जो पगार बढ़ ज...अरे भाईसाहब वेतन आयोग की सिफ़ारिशों पर जो पगार बढ़ जाती है तो आयकर की सीमा का क्या करेंगे जो सरकार आपसे इस रास्ते से दिया पैसा वापिस खींच लेती है। साला बारह महीने काम करा कर साढ़े दस माह की ही पगार हाथ आती है बाकी इन सुअरों की चर्बी में तब्दील होने के लिये वापिस चली जाती है<br />जय जय भड़ासदीनबन्धुhttps://www.blogger.com/profile/16791040700205738985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-32595762149241941322010-02-11T04:23:22.501-08:002010-02-11T04:23:22.501-08:00हैदर साहब ने बिल्कुल सही लिखा है हम तो सहमत हैं भा...हैदर साहब ने बिल्कुल सही लिखा है हम तो सहमत हैं भाई। अगर किसी जगह चोर डाकुओं की अधिकता हो तो गया न तेल लेने प्रजातन्त्र.... शरीफ़ आदमी की तो ये रोज उठते बैठते लिया करेंगे<br />जय जय भड़ासमुनेन्द्र सोनीhttps://www.blogger.com/profile/01045795613217822984noreply@blogger.com