tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post5852154192535598662..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: शब्दों का सहारा लेते थे, अब साँस अटक गयी तो क्या करें ?आर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-79209237981694882582010-07-22T11:55:47.059-07:002010-07-22T11:55:47.059-07:00वाह दीदी क्या खूब कही,
अक्षरशः सहमत हूँ.
जय जय भड़...वाह दीदी क्या खूब कही,<br />अक्षरशः सहमत हूँ.<br />जय जय भड़ासAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-61854481474746449332010-07-22T07:25:54.109-07:002010-07-22T07:25:54.109-07:00भाईसाहब शब्द ब्रह्म है निर्जीव नहीं हैं प्राण हैं।...भाईसाहब शब्द ब्रह्म है निर्जीव नहीं हैं प्राण हैं। भड़ास की आत्मा भी शब्दब्रह्म में निहित है<br />जय जय भड़ासहिज(ड़ा) हाईनेस मनीषाhttps://www.blogger.com/profile/09572026001335138221noreply@blogger.com