tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post6665333236540171520..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: गुड गोबरआर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-76413332497551915022009-07-31T10:33:23.093-07:002009-07-31T10:33:23.093-07:00जी आप की बातो से पूर्ण सहमत हुजी आप की बातो से पूर्ण सहमत हुdr amit jainhttps://www.blogger.com/profile/05568646394497826829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-74738154373928636372009-07-30T20:32:43.788-07:002009-07-30T20:32:43.788-07:00वाद-विवाद....
गुड़-गोबर...
गुड़ का अपनी जगह महत्त्व ...वाद-विवाद....<br />गुड़-गोबर...<br />गुड़ का अपनी जगह महत्त्व है और गोबर का अपनी जगह लेकिन स्थान बदल जाने से व्यक्तियों और वस्तुओं की उपयोगिता शून्य हो जाती है।<br />हम भड़ासी गुड़ को खाने और गोबर को लीपने में प्रयोग करते हैं अगर गुड़ को लीपने और गोबर को खाने में प्रयोग करने लगेंगे तो फिर आप समझ सकते हैं कि भड़ास का दर्शन खतरे में आ जाएगा।<br />जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.com