tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post7015625406163234814..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: ऐसी नीच औलादें पैदा करने से अच्छा होता कि माताजी आप बांझ रहतीं.....आर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-1256551541403695572011-06-14T17:48:29.232-07:002011-06-14T17:48:29.232-07:00डा.रूपेश श्रीवास्तव जी अब लगभग आठ महीने हो गए है, ...डा.रूपेश श्रीवास्तव जी अब लगभग आठ महीने हो गए है, देखिये बूढ़ी माई अभी भी वहीं कहीं लोकल ट्रेन के किसी डब्बे में बैठी मिलेगी| पहले पहल तो पता नहीं किसने और कहां से उसे मुम्बई की ट्रेन पर बिठा विदा किया था लेकिन अब की बार तो आप ही उसे मरने कि लिए छोड़ आये हैं| यदि बूढी माई ट्रेन से उतरना नहीं चाहती थी तो रेलवे के किसी अधिकारी या पुलिस को ही खबर कर दी होती ताकि उस महिला की देख रेख की जाती| सभ्य देश में कोई नागरिक आप जैसा लापरवाही का व्यवहार नहीं करेगा| वैसे आपकी कलम घिसते देख हम शर्मिंदा हैं और जानता चाहते हैं कि क्या बूढी माई ठीक से तो है|Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-12691706932011263612010-10-24T12:42:31.356-07:002010-10-24T12:42:31.356-07:00@इंदुपुरी गोस्वामी जी
आप चाहें तो मुंबई पधारें और ...@इंदुपुरी गोस्वामी जी<br />आप चाहें तो मुंबई पधारें और मुझसे संपर्क करें ताकि आपको ऐसे कई वृद्धों और लावारिस बच्चों से मिलवा सकें जिनके लिये कम से कम मैं तो निजी तौर पर कुछ खास न कर पाया बस आप सबके सामने आक्रोश में बात रखने के अलावा<br />मेरा मोबाइल नं. 09224496555<br />जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-57046741580780485332010-10-23T11:26:03.862-07:002010-10-23T11:26:03.862-07:00दुनिया है साहब।
.दुनिया है साहब।<br />.नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-89574517397525890142010-10-23T09:59:36.860-07:002010-10-23T09:59:36.860-07:00भाईसाहब दुर्भाग्य ही है। हम इस तरह के बुजुर्गों से...भाईसाहब दुर्भाग्य ही है। हम इस तरह के बुजुर्गों से तो रोजाना ही दो चार होते हैं। अपने माँगे हुए में से कुछ खरीद कर इन्हें खिला-पिला देते हैं बस...<br />इन नीच औलादों को कोसने के सिवाय क्या कर सकते हैं<br />जय जय भड़ासहिज(ड़ा) हाईनेस मनीषाhttps://www.blogger.com/profile/09572026001335138221noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-37928409593582964732010-10-23T07:13:45.549-07:002010-10-23T07:13:45.549-07:00उपर वाले इस तरह की ओलाद को उसके बुढ़ापे में फिर इति...उपर वाले इस तरह की ओलाद को उसके बुढ़ापे में फिर इतिहाश को दोहराना होगाdr amit jainhttps://www.blogger.com/profile/05568646394497826829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-21110468996816092052010-10-23T05:23:58.713-07:002010-10-23T05:23:58.713-07:00उसे कब पता था कि उसके अपने बच्चे ऐसे निकलेंगे और उ...उसे कब पता था कि उसके अपने बच्चे ऐसे निकलेंगे और उसके साथ इस उम्र में ये सब होगा.कोई नही जनता.आप और मैं भी नही.यदि जां सके तो ...हाँ कोई भी बच्चे को जन्म नही देना चाहेगा.<br />बुद्धि अम्मा का सुन कर दुःख हुआ.क्या करें? <br />बस..इसी कारन चाहती हूँ अपने शहर में एक चिल्ड्रन होम और ओल्ड एज होम खोलना और इनके लिए जीना चाहते हैं हम दोनों.ईश्वर साथ दे.अब कहाँ है वो अम्मा? इसे मात्र एक सनसनी समाचार ही ना बना रहने दे.उनके लिए कुछ स्थाई व्यवस्था जरूर करे.वैसे इनके बेटे बहु को ढूंढ निकालना कोई मुश्किल नही मिद्या के लिए और ऐसी औलादों की उतारी जाए जिससे दुसरे दुबारा ऐसी हरकत करने से पहले दस बार सोचे.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-90455310315403922182010-10-22T12:46:47.363-07:002010-10-22T12:46:47.363-07:00kya kahu bandhu samajh nahi paa raha, aapki tab bh...kya kahu bandhu samajh nahi paa raha, aapki tab bhi post padhi thi maine aur aaj fir unhi ke baare me ye ek alag padh raha hu, kaise khoon ki rishte bhi safed ho jate hain yahan, samajh nahi pata.......Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-35023255523021235872010-10-21T22:45:46.072-07:002010-10-21T22:45:46.072-07:00वाह रे दुनिया बनाने वाले.... तू भी कमाल करता है जि...<b>वाह रे दुनिया बनाने वाले.... तू भी कमाल करता है जिसे न ठीक से खाने को है न रहने को उसे जिंदा रखे है और जिन्हें सब सुविधाएं हैं वो अचानक चले जाते हैं।</b><br />इस दुलनया में ऐसे ही दिल दहला देने वाले वाकये होते रहते हैं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com