tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post7891268939334439881..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: एक दलाल को भाई कह कर गुफरान सिद्दीकी ने !आर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-44295749276813571212010-06-24T06:17:55.442-07:002010-06-24T06:17:55.442-07:00चिढ़ गये चिढ़ गये चिढ़ गये
खीझ गये खीझ गये खीझ गये
या...चिढ़ गये चिढ़ गये चिढ़ गये<br />खीझ गये खीझ गये खीझ गये<br />यार गुफ़रान बाबू आप तो इतनी जल्दी दल्ला भड़वा रंडी शिखंडी पर उतारू हो गये ये क्या बात हुई। पट्ठे ने आपको और रणधीर सिंह सुमन जी को जो लिंक पढ़ने को दी हैं उन्हें पढ़ कर कोई तर्कपूर्ण उत्तर लिख कर संजय कटारनवरे का मुंह काला कर देते तो बात थी। भड़ास पर किसी लिंक को देना कोई नयी बात तो नही है, रही बात पढ़ने की सलाह देने की तो इस बंदे ने सिर्फ़ आपको ही नहीं रणधीर सिंह सुमन जी को भी पढ़ने को लिखा है जैसे कि उन्होंने इन महाशय को कुछ किताबें पढ़ने को सुझाई थीं आप तो किसी ब्लॉग की एक लिंक मात्र से खीझ गए। दूसरी बात कि सुमन जी तो मैदान छोड़ कर ही पलायन कर गए लग रहा है कि लोकसंघर्ष का मामला अब भड़ास पर तो बस किस्सागोई तक ही रहने वाला है विचारधारा तो इस बंदे ने सामने ला दी है कि लाल झंडा कितना हितचिंतक है देश का। अब सुमन जी कई दिनों से चुप्पी साधे हैं और जैसे कि इस बंदे ने लिखा है कि आपने विमर्श की दिशा को मोड़ना चाहा है और आप सफल भी रहे क्योंकि बात आपने सुमन जी से उठा कर अपनी ओर घुमा ली है। खैर हम तो सब को देख रहे हैं इसी मंच पर---- बाजारवाद,भड़ास,कुंवा,मेढ़क,राष्ट्र,टर्र टर्र,लोकसंघर्ष,अवध पीपुल्स फ़ोरम,तीरंदाजी,लोकतंत्र,धर्मनिरपेक्षता,हिंदू,मुसलमान,भारत,पाकिस्तान,अरब,खरब.....<br />जय जय भड़ासमुनेन्द्र सोनीhttps://www.blogger.com/profile/01045795613217822984noreply@blogger.com