tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post8337122960698690104..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: मुखौटाधारियों की सूची लंबी होती जा रही है रणधीर सिंह सुमन,गुफ़रान सिद्दकी,सलीम खान,प्रदीप तिवारी........आर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-53104023698781582112010-10-06T08:42:28.597-07:002010-10-06T08:42:28.597-07:00प्रिय तो आप समाज में किसी के हो नहीं सकते इसलिए बि...प्रिय तो आप समाज में किसी के हो नहीं सकते इसलिए बिना अभिवादन के,<br /><br />आप कौन हैं, क्या हैं, क्या बेचते हैं, किसका खाते हैं, मैं कुछ भी नहीं जानता। आज गूगन सर्च पर कुछ देख रहा था तो अपना नाम देख इस ब्लॉग पर आ गया वरना शायद इसे खोलता भी नहीं। आपका ब्लॉग देखकर यह तो जान गया कि आप शहरी नहीं वरन् जंगली जानवरों से भी बदतर हैं, क्योंकि इस प्रकार की भाषा का प्रयोग न तो बेचारे जानवर करते हैं और न ही जंगल के पेड़-पौधे। आप और आपके सहोदरों, बिरादरों और संगियों को सभ्य भाषा तक नहीं आती है, तो उसका दोष मेरा नहीं, केवल आपके पूर्वजों का और उस समाज का है जिसमें आप पले और बढ़े।<br /><br />मैं ईश्वर को नहीं मानता क्योंकि मैं एक नास्तिक हिन्दू परिवार में पैदा हुआ। आपका ईश्वर आपको सद्बुद्धि दे, इसे कामना सहित, मैं केवल इतना कहता हूं कि मैं डंके की चोट पर कम्युनिस्ट हूं, एक बुद्धिजीवी हूं और एक लेखक हूं। जिसको इससे तड़पना है, तड़पे, गरजे और गालियां बके। यह मेरा सरोकार नहीं।<br /><br />- प्रदीप तिवारीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/11024160763172585116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-62252741589843479802010-10-06T08:41:04.821-07:002010-10-06T08:41:04.821-07:00प्रिय तो आप समाज में किसी के हो नहीं सकते इसलिए बि...प्रिय तो आप समाज में किसी के हो नहीं सकते इसलिए बिना अभिवादन के,<br /><br />आप कौन हैं, क्या हैं, क्या बेचते हैं, किसका खाते हैं, मैं कुछ भी नहीं जानता। आज गूगन सर्च पर कुछ देख रहा था तो अपना नाम देख इस ब्लॉग पर आ गया वरना शायद इसे खोलता भी नहीं। आपका ब्लॉग देखकर यह तो जान गया कि आप शहरी नहीं वरन् जंगली जानवरों से भी बदतर हैं, क्योंकि इस प्रकार की भाषा का प्रयोग न तो बेचारे जानवर करते हैं और न ही जंगल के पेड़-पौधे। आप और आपके सहोदरों, बिरादरों और संगियों को सभ्य भाषा तक नहीं आती है, तो उसका दोष मेरा नहीं, केवल आपके पूर्वजों का और उस समाज का है जिसमें आप पले और बढ़े।<br /><br />मैं ईश्वर को नहीं मानता क्योंकि मैं एक नास्तिक हिन्दू परिवार में पैदा हुआ। आपका ईश्वर आपको सद्बुद्धि दे, इसे कामना सहित, मैं केवल इतना कहता हूं कि मैं डंके की चोट पर कम्युनिस्ट हूं, एक बुद्धिजीवी हूं और एक लेखक हूं। जिसको इससे तड़पना है, तड़पे, गरजे और गालियां बके। यह मेरा सरोकार नहीं।<br /><br />- प्रदीप तिवारीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/11024160763172585116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-49275274432807299832010-08-05T02:43:07.351-07:002010-08-05T02:43:07.351-07:00भाई कटारनवे की कटार ने सबकी फाड़ के सिल दिया, धां...भाई कटारनवे की कटार ने सबकी फाड़ के सिल दिया, धांसू है गुरु पेले रहिये.<br />जय जय भड़ासAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-64829846875235577502010-08-03T22:57:19.040-07:002010-08-03T22:57:19.040-07:00क्या हो गया भाई दोबारा सन्नाटा छा गया संजय कटारनवर...क्या हो गया भाई दोबारा सन्नाटा छा गया संजय कटारनवरे के आ जाने से? ये क्या बात है ये आकर पुछल्ला छोड़ कर भाग जाते हैं। चलो किसी को तो जस्टिस आनंद सिंह याद हैं भले वो कटारनवरे ही क्यों न हो<br />जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-47620855488997707862010-08-03T09:11:24.314-07:002010-08-03T09:11:24.314-07:00सुनील कुमार जी सच बताइये कि क्या आप जस्टिस आनंद सि...सुनील कुमार जी सच बताइये कि क्या आप जस्टिस आनंद सिंह जी के बारे में जानते हैं और यदि जानते है तो फिर आइये जब दिग्गज लोग मैदान छोड़ कर भाग गये हैं या जो भी वजह हो उनके न दिखने की हम लोग ही इस विषय पर दोबारा चर्चा करें। बता दूं कि जस्टिस आनंद सिंह वो हैं जो कि कानून की पुनर्समीक्षा के लिये बरसों से कष्ट उठा रहे हैं इंडिया न्यूज नामक पत्रिका की एक साहसी महिला पत्रकार ने हिम्मत दिखा कर उन पर एक कहानी करी है बाकी धुरंधर पत्रकार तो उनका नाम सुनते ही पेशाब छोड़ देते हैं स्टार न्यूज के पास भी उनका साक्षात्कार है लेकिन साहस नहीं है दिखाने का....<br />जय जय भड़ासमुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہhttps://www.blogger.com/profile/07581617208915603720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-81211630882592047682010-08-03T07:10:46.628-07:002010-08-03T07:10:46.628-07:00अच्छे विषय पर आपने ध्यान दिलाया हैअच्छे विषय पर आपने ध्यान दिलाया हैSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.com