tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post8771435715910630957..comments2023-10-25T05:42:29.254-07:00Comments on भड़ास: लो क सं घ र्ष !: हाय रे ! लोकतान्त्रिक देश की पुलिस, तूने ! जान ले लीआर्यावर्त डेस्कhttp://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4413051685021810107.post-63170697960741171732010-05-15T11:45:21.207-07:002010-05-15T11:45:21.207-07:00पुलिस क्या किसी दूसरे ग्रह से आए प्राणियों से बनी ...पुलिस क्या किसी दूसरे ग्रह से आए प्राणियों से बनी संस्था है? सत्यतः हम भारतीय लोकतंत्र के लायक नहीं हैं इसलिये हमारे कुटिल राजनेताओं ने हमारे ऊपर एक छद्मलोकतंत्र लाद रखा है, ये पुलिस वाले हमारे वो ही दादा परदादाओं के वंशज हैं जिन्होंने गोरों की चाकरी और अपना पेट परिवार पालने के चक्कर में हजारों बार क्रान्तिकारियों पर गोली-लाठी बरसायी होंगी। पुलिस भी इसी सिस्टम का अंग है वो अलग कैसे हो सकती है??उन्हें कोसना बंद करें क्योंकि ये फसल हमारी ही है जिसमें काँटे उगते हैं<br />जय जय भड़ासमुनेन्द्र सोनीhttps://www.blogger.com/profile/01045795613217822984noreply@blogger.com