बेचारा ....................................................पति
शनिवार, 28 फ़रवरी 2009
हाथ जोड़कर पत्नी के आगे करते सम्पूर्ण
समर्पण हमने हर इक गीत किया है
उनके श्री चरणों में अर्पण
और अहिन्दीभाषी पत्नी,
गदगद होकर ये कहती हैं
तुम मुझको अर्पण करते हो,
मैं आऒ करती हूँ तर्पण............................
2 टिप्पणियाँ:
अमित भाई आप जानबूझ कर छेड़ छेड़ कर चोखेरबालियों से पंगा लेते हो एकाध दिन सारी की सारी आपके घर आ जाएंगी...
जय जय भड़ास
lage raho ....jai bhadash
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