अपनी भड़ास को सीधे ही अपने ई-मेल द्वारा इस पते पर भेजिये bharhaas.bhadas@blogger.com
भड़ासी अपने चिट्ठों को यहां भड़ास के अपने एग्रीगेटर पर सूचीबद्ध करें अपने चिट्ठे का URL सीधे ही हरे रंग के प्लस(+)के चिन्ह पर क्लिक करके जोड़िये
© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
Back to TOP
2 टिप्पणियाँ:
होली ही क्या कभी शराब नहीं पीना वरना मेरे किसी व्यवसायी चिकित्सक भाई के घर में दीवाली मनवा रहे होंगे.....
जय जय भड़ास
बढिया है भाई,
सच कहा और बहुत खूब कहा.
शराब पीकर रोने वाले लोगों कि आत्मा पर धंधा करने बैठ जाते हैं,
ये कमाल सिर्फ शराब का ही तो है,
शराब पीकर देसज बनना और क्षद्मता का सहारा लेकर भंग पिनेव वालों कि जमात में शामिल होना.
बहुत खूब.
जय जय भड़ास
एक टिप्पणी भेजें