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© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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1 टिप्पणियाँ:
बिलकुल सही औकात पर आ रहे हो धीरे धीरे खुद ही बताते जा रहे हो कि तुम जिन शक्तियों की पूजा पाठ करके उन्हें वश में करके दुनिया के मनुष्यों,पेड़ पौधों और पशु पक्षियों का बुरा करा रहे हो। जयति जिन शासनम का मंत्र ही तुम्हारा सपना है कि तुम अपना हुकुम इसी तरह से मनवाते रहो सबको अपने आधीन करके दुष्टों....
तुम्हारा ये स्वप्न अब पूरा नहीं होगा तुम्हारी चालें खुल रही हैं और अब तुम अपनी राक्षसी असलियत कितना भी छिपाओ नहीं छिपा सकते।
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास
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