हमारे बुजुर्ग - तुम्हिं हो मेरा श्रंगार प्रीतम तुम्हारी रस्ते की धूल ले कर
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हमारे बुजुर्ग - तुम्हिं हो मेरा श्रंगार प्रीतम तुम्हारी रस्ते की धूल ले कर
1 दिन पहले
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© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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3 टिप्पणियाँ:
अमित अगर ये चोंचलेबाज आंख मारती अधनंगी औरत में तुम्हें तिरंगा दिखाई दे रहा है तो तुम्हें कांग्रेस के झंडे में भी बस तिरंगा ही दिखता होगा जिसके चलते तुम उसका समर्थन करते होगे?्प्रसिद्धि के लिये ऐसे सस्ते टोटके करने वाली हल्के चरित्र की बाइयाँ तो बस नंगे होने का मौका देखती हैं कि कब कपड़े उतार कर दिखाएं। थू थू थू है इस पर
जय जय भड़ास
दीनबन्धु भाई आप समझते क्यों नहीं कि योगिता बाई की आँख में तिनका चला गया होगा वो वाला तिनका जो चोर की दाढ़ी में होता है तो बस बंद कर ली एक आँख बाकी मुझे तो एक ही सलाह देनी है कि बारिश का मौसम है बाईजी बाहर मत निकलना वरना मुंबई की बरसात सब रंग रोगन धो डालेगी और दूध पीने वाले बच्चे आपके पीछे पड़ जाएंगे।
जय जय भड़ास
दीनबंधु आप महान है , धन्य है ,जिस नारी का चरित्र समझने मे देवताओ को भी पसीना आ जाता है और जिसे वो अब तक नहीं समझ पाए है , उन नारियों मे से एक का चरित्र आप ने तुरंत सिर्फ एक तस्वीर देख कर भाप लिया और उसे हल्के चरित्र की बाइयाँ के नाम से घोषित कर दिया , आप धन्य है
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