महाराष्ट्र के तमाम केंद्रीय कर्मियौं से अपील.
बुधवार, 29 अक्तूबर 2008
आज फ़िर एक उत्तर भारतीय राज के कुकृत्य का शिकार हो गया, मुम्बई रेल के लोकल ट्रेन में "मनसे" गुंडों ने ट्रेन में सफर कर रहे लोगों पर धावा कर दिया और उत्तर भारतीय की पिटाई शुरू कर दी, इस अचानक से हुए हमले में एक यूवक की तत्काल ट्रेन में ही मौत हो गयी और कुछ बुरी तरह से घायल हैं। महाराष्ट्र की पोलिस एक बार फ़िर से ठाकरे परिवार की दलाल साबित हुई जब उनके सामने सारे के सारे अपराधी सीना तान कर चलते बने और मुम्बई की स्कॉट्लैंड यार्ड पोलिस राज के चमचों के आगे नतमस्तक रही।
मुम्बई पोलिस, प्रशाशन, सरकार और तंत्र के साथ केन्द्र का इस पुरे प्रकरण पर धृतराष्ट की तरह चुप्पी साध कर राज ठाकरे को अप्रत्यक्ष मदद देना पुरे देश की भयावहता को दर्शाता है। राष्ट्र गृह युद्ध की और अग्रसर है और नि:संदेह इसके लिए ये सारे लोग जिम्मेदार होंगे, आज मुम्बई में कोई भी उत्तर भारतीय महिला नही जानती की सुबह को ऑफिस जाने वाला उसका पति शाम को जिंदा वापस आएगा की नही, बच्चा बच्चा आतंक के निशाने पर है। सरकार की कपोलता का अंदाजा की सिमी और साध्वी के बहाने राज से लोगों का ध्यान बाटने की कोशिश की राज का गुंडाराज चलता रहे। जबकी पुरी दुनिया जानती है की निकम्मे मराठीयों से महारष्ट्र नही चलने वाला।
मैं अपील करता हूँ तमाम उन लोगों से जो केंद्रीय कर्मचारी और अधिकारी हैं, बैंक में हैं, रेलवे में हैं, या किसी भी विभाग में हैं। महाराष्ट्र की अकर्मण्य सरकार किसी को कोई सुरक्षा नही दे सकती अपितु अपराध और आतंकियों की संरक्षक है और संभावित गृहयुद्ध की जिम्मेदार भी। सो अपने परिवार और साथियों के साथ सम्मलित स्थानांतरण का आवेदन अपने अपने विभागीय पदाधिकारी तक पहुंचाएं. आपका ये आवेदन एक संदेश होगा. और निष्क्रिय तंत्र के लिए एक चेतावनी भी।
5 टिप्पणियाँ:
यह भडास और भरास का क्या चक्कर है रजनीश भाई .
धीरू भाई,
ये संकलन मात्र है. आप भडास पर सबकुछ पढ़ सकते हैं.
aapki gandagi ke liye kewal bhadas kafi nahi tha kya janab, ya tamam kaynat ko aapke jaisa banana hai.
narayan narayan
यह ठाकरे जैसे लोग महाराष्ट्र की जनता की भावनाओं की तिजारत करते हैं .. मेरे ब्लॉग पर दस्तक दीजिये अच्छा लगे तो टीका भी अवश्य करें
लिखते रहें, आपका स्वागत है।
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