हमें न्याय व्यवस्था में पुरी आस्था है।
मंगलवार, 11 नवंबर 2008
गोवा के मंत्रीपुत्र पर लगे विदेशी किशोरी पर बलात्कार का आरोप ख़तम हो गया, पीडिता की माँ ने अपने आरोप ही वापस ले लिए और मंत्री महोदय सीना तान कर भारतीय न्याय व्यवस्था पर विश्वास होने की बात कर चलते बने।
शर्मसार हुआ हमारा देश, शर्मसार हुई हमारी सभ्यता, और शर्मसार हुआ हमारा न्याय का मन्दिर।
जब जब न्याय व्यवस्था पर विश्वास की बात आती है तो तमाम आपराधिक छवि वाले नेता ही विश्वास व्यक्त करते हैं, जिन्होंने भारतीय संविधान की धज्जियाँ उडाई हो, चाहे चारा घोटाला हो या फ़िर बंगारू का पैसों से भाडा महापेटी, जार्ज का काफिन हो या फ़िर बोफोर्स का धमाका। हजारों की तादाद में ऐसे मुक़दमे जिसमें राजनेता से लेकर अमीरजादे तक कानून को अपनी रखैल और न्यायालय को अपना कोठा समझते रहे, सारे नियम कानून तोडे और दुहाई सिर्फ़ एक हमें न्याय व्यवस्था पर पुरी आस्था है क्यूंकि ये वो आस्था है जो आमलोगों को नही। अनगिनत दर्ज मुक़दमे और उसमें फंसे आम जन मरने के बाद भी उनके वारिस कचहरी का चक्कर लगा रहे हैं क्यौंकी उन्हें न्याय व्यवस्था में आस्था है।
लोकतंत्र का सबसे मजबूत पाया जिस तरह से भ्रष्टाचार के दल दल में धंसे राजनीति और पैसों नुमायिन्दों की दलाल बनी बैठी है तब तक आप जन के लिए सिर्ब एक नारा है......
हमें न्याय व्यवस्था में पुरी आस्था है।
जय जय भड़ास
2 टिप्पणियाँ:
भाई आपने जिन महानुभाव के संबंध में पहेली रखी थी उन्हें भी पूरा यकीन है
जय जय भड़ास
bahut achha , satya kahun ya kataaksh, lakin sach yahee hai, chintaa na karien, jaldee hee sthiti badalnee walee hai, kahmbhe teesre hon ya chauthe, sabhee jaldee hee apnee kamiyon ko door karenge.
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