मेरी माँ के लिए
रविवार, 11 जनवरी 2009
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती.................
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लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती.................
© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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2 टिप्पणियाँ:
बहुत खूब
अमित भाई लगता है कि मेरे साथ कुछ गड़बड़ है मेरी माताराम तो मुझसे हमेशा खफ़ा ही रहती हैं:(
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