जो गॉड को लाएं हैं/ हम उनको लायेंगे/ गॉड से फिर हम सब / सब कुछ ही
मांगेंगे...
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' गो महंगाई गो!' गो बेरोजगारी गो!
______________________________________________________ मैंने कल एक सपना
देखा। मैं जर्मनी में हूं। शाम का समय है। सड़क पर...
2 दिन पहले
3 टिप्पणियाँ:
आग है भाई एक दम पैट्रोल लिखावट है
जय जय भड़ास
आप लोग इतनी गहरी बातें लिख देते हैं कि चार-चार दिन तक भेजा घूमा रहता है
जय जय भड़ास
अमिताभ भाई,
सच को इस आसानी से कह गए की अब ये पाच नही रहा.
बस सच कहते रहिये,
बढिया और सटीक लिखा है.
जय जय भड़ास
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