एक तरफ़ कलाकारों की जयहो तो बिहार के कलाकार का वजूद दांव पर

सोमवार, 23 फ़रवरी 2009

लुमर तो भों-भों करेगा ही ,बात है पिछले वर्ष बिहार में हुए युवा उत्सव की .बिहार भर से युवा कलाकारों का चयन जिला प्रशासन द्वारा किया गया .दूर-दराज़ के गांव के कलाकार बहुत ही मशकत के बाद जिला मुख्यालय पहुंचे ,जो चुनने लायक थे (पैरवी से )उन्हें चुन लिया गया,बाकि को वापिस भेज दिया गया। यह बात है बिहार के लगभग सभी जिलों की ,मगर यहाँ बात करेंगे हम भोजपुर जिला की। यहाँ कलाकारों को लगातार दो दिनों तक रखा गया .परन्तु न खाने-पीने की व्यवस्था की गयी और न ही उनके ठहरने के लिए कोई जुगाड़ ,जबकि ये कलाकार लगभग पचास-साठ किमी से आए थे .मज़े की बात तो यह है की सरकार की तरफ़ से इन कलाकारों के लिए सभी व्यवस्था करने का स्पष्ट निर्देश था ,परजैसा की प्रशासन के काम में हुआ करता है ,सब कुछ कागजों पर ही हो गया । कलाकारों ने जिलापदाधिकारीसे मुलाकात भी की ,पर कोई फायदा नहीं । उन्होंने सचिव ,कला एवं संस्कृति विभाग ,बिहार से भी बात की ......कुछ भी हाथ नहीं लगा ......! ........aur kahani yahin par khatm nahin huee ,भोजपुर से लगभग चालीस-पचास कलाकारों को चुनकर जिला से राज्य स्तर के लिए पटना भेजा गया ,कलाकारों को समझा कर भेज दिया गया कीवहां आपको साडी सुविधाएँ मिलेंगी और आने-जाने का खर्च व् जिला स्टार पर भाग लेने का खर्च पटना से लौटकर आने पर दे दिया जाएगा । बेचारे बिहार के कलाकार पटना पहुच गए ,उन्होंने वहां भी कार्यक्रम पेश किया ,पर की व्यवस्था ...................भगवन ही बचाए । लोग बाथरूम जाते तो पानी नदारद .दिसम्बर के जड़े में कलाकारों को ओढ़ने के लिए फटा कम्बल दिया गया .यही नहीं अगर ये लोग खाने के स्थान पर एकदम सुबह नहीं पहुंचाते तो उन्हें दिनभर भूखे रह जन पड़ता । यहाँ भी कलाकारों को ठगा गया .आने -जाने का भाडा पटना में भी नही मिला । । उनमें से एक ने जब प्रशासनिक अधिकारी से भाड़े के बारे में बात की ,तो उनका जवाब था .........आप लोग तो नौटंकी में माहिर हो,नाच-गा दो पैसे मिल जायेंगे । बेचारे .....कलाकार .....प्रशासन और सरकार के मारे हुए किसी तरह घर वापिस पहुंचे ,रेल का बिना भाडा चुकाए ,रेलवे पुलिस का डंडा खाकर वापिस आरा अपने घर पहुंचे। एक तरफ़ जहाँ कलाकार की जय हो-जय हो-हो रही है। उसके कारन पुरे विश्व में अपने देश का सम्मान बढ़ा है ,वहीं बिहार में कलाकार अपने वजूद को बचाने में लगे हुए हैं.

1 टिप्पणियाँ:

हिज(ड़ा) हाईनेस मनीषा ने कहा…

जिस कमीने प्रशासनिक अधिकारी ने उन कलाकारों से कहा कि नाच गा कर कमा लो तो उन कलाकारों से अगर उस सुअर को लतियाते नहीं बना तो कम से कम उसको एक लाख गालियां देकर दिल तो हलका कर लेते... भले ही गा गा कर देते।
जय जय भड़ास

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