हाँ मेरे अन्दर भी भरी परी है.
बुधवार, 18 फ़रवरी 2009
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© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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4 टिप्पणियाँ:
भाईसाहब आपने लिखा है कि आपके भीतर भी भरी परी है.... कौन सी परी भरी है?
जय जय भड़ास
Rupesh ji, merey kahne ka matlab hai, mere andar bhi bharas bhari pari hai. lekin honsala nahin kaj pa raha hoon. kuch abhi naya hoo. hindi mein kaisa likha jata haai, nahin janta. jab nikaloonga to bahut door tak ja sakti hai. phir samblaygee kaise. Is par vachar kar raha hoon.
Rupesh ji, merey kahne ka matlab hai, mere andar bhi bharas bhari pari hai. lekin honsala nahin kaj pa raha hoon. kuch abhi naya hoo. hindi mein kaisa likha jata haai, nahin janta. jab nikaloonga to bahut door tak ja sakti hai. phir samblaygee kaise. Is par vachar kar raha hoon.
जगमोहन भाईसाहब आप तो बस निकाल ही दीजिये उसमें हौसले की क्या बात है क्या उल्टी करने के लिये ताकत या हौसले की आवश्यकता होती है असल में भड़ास का दर्शन ही यही है कि आप बिना रोक टोक के विचार वमन व विचार रेचन करके पूर्ण रूपेण स्वस्थ हो कर समाज व राष्ट्र के उत्थान हेतु रचनात्मकता प्रस्तुत कर सकें। तो फिर शुरू हो जाइये अपना विचार रेचन यदि कुछ थोड़ा बहुत भाषाई समस्या होगी तो हम उसे संपादित कर लेंगे आप शुरू तो करिए
जय जय भड़ास
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