यही है भडा़स की सच्चाई
सोमवार, 16 फ़रवरी 2009
मुसलिमों का बाप भडा़स है।जी हाँ ये सच है ।मुसलिमों के आतंकवादी स्वरूप को छिपाने का हथियार है भडा़स।अगर आप मेरी बात से तवज्जों नहीं रखते तो मुसलिमों के बारे में कुछ सच लिख के देख लीजिये।ये लोग पहले आप को लालच देगें मुझे मोबाईल का लालच दिया फिर आप की सदस्यता समाप्त करने की धमकी देगें।फिर एक-एक करके आप पर हिजडों फिर फंडू पत्रकारों से आप को नकारा निक्क्मा सिद्ध करेंगे ताकि पूरे विस्व में मैसेज जाये कि भारत में मुसलिमों के खिलाफ आप सच नहीं लिखा जा सकता?
यही है भडा़स की सच्चाई?
फिर ये लोग आप का फोन न. मागेगे ताकि आपको गरिया सकें यदि आप के पास नहीं है तो आप का मजाक उडाया जायेगा?
पर जब तक मेरे सरीर में खुन का एक भी कतरा रहेगा मैं इनको इनके मन्सूबे में सफल नहीं होने दूगा?
भारत माता कि जय
2 टिप्पणियाँ:
आमीन,
आप किसी भी रूप में हमारे भारत माँ के लिए लड़ें, बस तिरंगे और अशोक चक्र की हिफाजत करें, भड़ास पर हाय तौबा के बजाय हिन्दुस्तानी की गरीबी भूखमरी, बेरोजगारी, अशिक्षा, और अस्तित्व के जेहाद में सहभागी बने की दुआ.
जय जय भड़ास
प्रशांत जी,यदि आप भारत माता की रक्षा की बात करते हैं तो मैं हर हाल में आपके साथ हूं और यदि आपको लगता है कि भड़ास के ये पेज भारत माता के हित में नहीं है तो इसे कदापि मत छोड़ियेगा बल्कि सही करके ही दम लीजियेगा कहीं ऐसा न हो कि हार मान कर खुद ही अपनी सदस्यता समाप्त करके नाराज हो कर चले जाएं। मुझे निजी तौर पर दुःख होगा। मुझे आपकी ऊर्जा प्रशंसनीय लगती है। फोन नं.के बारे में मैं तो इतना कहता हूं कि ये बस एक त्वरित जुड़ा़व का माध्यम हो सकता है चाहे गालियां दी जाएं या आशीर्वाद। आपकी सदस्यता कोई नहीं समाप्त करेगा इस बात पर विमर्श का मार्ग खुला है। क्या आपने मुनव्वर आपा की पुरानी पोस्ट्स नहीं पढ़ी हैं जो आप ऐसा कह रहे हैं कि मुस्लिमों के खिलाफ़ लिखा नहीं गया है बात हिंदू या मुसलमान की निंदा की नहीं है बात है बुराइयों की जिन्हें दूर करना है। मुनव्वर आपा की पोस्ट पढ़िये जिसमें उन्होंने लिखा है कि अगर हिंदू पशुबलि दें मंदिर में तो कानूनन जुर्म है लेकिन मुसलमान कुर्बानी के नाम पर ऐसा करें तो परम्परा है मजहब है ये कैसा कानून है। अब आप इस बात पर क्या कहेंगे? आपने वाकई चंदन जी की सलाह पर ध्यान दिया ही नहीं है। आशा है समझेंगे। जब तक मुझमें भी खून का एक भी कतरा है मैं आपको गलत सोच से सहमति न जताने दूंगा और समझाने का प्रयास जारी रखूंगा।
जय जय भड़ास
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