आज दिल उदास है

मंगलवार, 31 मार्च 2009

जान सको तो जान लो
बस एक बार ग़म क्या है पहेचान लो .
जी तो लेते है सभी खुशी में भी यारो ,
कभी तो दो आँसू पलकों पे सजा लो ,
दर्द में तुम भी बह जावो गे एक दिन आँखों का खरा पानी बनकर ,
कभी तो किसी ग़म के मारे को गले से तो लगा लो ........................

2 टिप्पणियाँ:

मनोज द्विवेदी ने कहा…

Kisi gam ke mare ko gale se lagaiye to udas mat hoiye..khud bhi muskuraiye aur use bhi muskurane ke liye prerit kariye....

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

अमित भाई क्या बात है कुछ ज्यादा ही परेशानी है वरना आप जैसा इंसान उदास हो ऐसा नहीं हो सकता हम सबसे भी बांटिये अगर हमें इस काबिल माने कि हम आपके दुःख में बराबर के भागीदार हैं....
जय जय भड़ास

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