मेरी खुशी ?

मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

कुछ पल तो मेरी यादो से चली जाओ ,
कुछ पल तो मै जी सकुगा ,
हर पल मरता हु कई कई मौत ,
कुछ पल तो तुम्हारी जुदाई का गम पी सकुगा .............

1 टिप्पणियाँ:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

अमित भाई उनके साथ दुःख बांट लिया करिये जो आपके दुःख को समझते हैं बांट लेने से आधा हो जाएगा और जब खुश हों तब खुशी बांट लीजियेगा बांट लेने से दुगुनी हो जाएगी
जय जय भड़ास

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