ठाकरे की एक और नौटंकी (अतीत के पन्ने से.....)

शुक्रवार, 1 मई 2009

कल शाम केंद्रीय कमिटी की बैठक महाराष्ट्रा मामले पर थी, महाराष्ट्रा की राजनीति और स्थानीय सरकार एक बार फ़िर केंद्रीय सरकार के गले की हड्डी साबित हुई। जहाँ इस बैठक से महाराष्ट्र के मंत्रीगण नदारद थे वहीँ प्रेस से मिलने से परहेज करने वाले राज ठाकरे ने आनन् फानन में प्रेस कांफ्रेंस बुलाया और पहली बार अपने लाव लश्कर के साथ प्रेस के सामने उपस्थित भी। मगर ये संयोग नही था क्यौंकी जिस तरह से केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में महाराष्ट्रा के मंत्री नदारद थे और उसके समाप्त होते ही राज की प्रेस से मिलिए का कार्यक्रम था नि:संदेह मौन स्वीकृती मराठी मंत्रियों की राज के प्रति थी। केंद्रीय कांग्रेसी सरकार के गले की हड्डी महारष्ट्र की देशमुख सरकार है यी साबित हो गयी, स्थानीय राजनीति की बलिवेदी पर कांग्रेस असफल और नाकाबिल देशमुख को नही चढाना चाहती है मगर संभावित चुनाव के कारण वैमनष्यता की राजनीति में कांग्रेस का मौन सहयोग प्रर्दशित हो गया। जरा राज के प्रेस सम्मलेन पर नजर डालिए.........
राज को छठ पूजा पूजा नही नौटंकी लगता है। इसके बावजूद आज वो पूजा के ख़िलाफ़ नही होने का ऐलान करते हैं और घोषणा भी की लोग यहाँ छठ मन सकते हैं, यानी की हमें क्या करना है क्या नही की स्वीकृति राज ठाकरे नमक जीव देगा।

मराठियों पर हमले की बात तो महारष्ट्र की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस भी साबित नही कर सकता मगर राज मराठी पर हमले की दुहाई देते हैं। राज कहते हैं की मराठी का वो अपमान स्वीकार नही करेंगे, अप्रत्यक्षत: एक बार फ़िर सी धमकी भी, अरे भैये जहाँ राज के लोग तमाम उत्तर भारतियों की ही पिटाई कर रहे हों वहां मराठी का अपमान कौन कर रहा है?

राज ने राहुल राज की मौत को जायज ठहराया, ट्रेन में धर्मदेव को पीट पीट कर मौत देने वाले को राज की मने तो रक्षक की संगा दी। मगर उन मनसे आतंकियों के साथ ख़ुद के बारे में नही कहा की वो देश का सबसे बड़ा आतंकी है जिसने देश की अखण्डता पर ही सवाल उठाया है।

अंत में चलते चलते फ़िर से चेतावनी का ढोल बजाते गए।क्या महाराष्ट्र में देशमुख नामक जीव सिर्फ़ नाम का मुख्यमन्त्री है, अगर उससे प्रान्त की व्यवस्था नही सम्हाल रही तो क्योँ ना केन्द्र सरकार वहां राष्ट्रपति शासन लगा दे, मगर मनमोहन के गले की हड्डी बना महाराष्ट्र का कांग्रेसी सरकारजिसे ना निगलते बने ना उगलते, खामियाजा सिर्फ़ आम जन को और ये खामियाजा आम जन के मार्फ़त से होते हुए मनमोहन कैसे पहुँच जायेगा ये हमारे प्रधानमंत्री को पता नही। राज का जहर भले ही हमारे देश के लिए किसी भी आतंकी सी ज्यादा हो मदर हमारे सरकार, विपक्ष और इनके नुमाइंदे अपने धंधे की देहरी पर सिर्फ़ भाईचारा पर राजनीति करेंगे, आतंकी पर नही।

1 टिप्पणियाँ:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

भाईचारा का मतलब इनके अर्थ से होता है कि भाई को चारा बना कर चर लो और अपना पेट भर लो..
जय जय भड़ास

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP