लादेन और तालिबान, पकिस्तान के अस्तित्व पर एक सवालिया निशान ?

रविवार, 24 मई 2009

पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान के बढ़ते साम्राज् को अब और ज्यादा ताकत मिल सकती है, अगर अल-कायदा प्रमुख ओसमा बिन लादेन ने उनका आमंत्रण स्वीकार कर लिया। वो इसलिए क्योंकि पाकिस्तान की स्वात घाटी में बसे तालिबानियों ने लादेन को वहां बसने का आमंत्रण दिया है। तालिबान ने कहा है कि ओसामा बिन लादेन सहित सउदी अरबिया और अन्य अरब देशों के लड़ाके अगर स्वात घाटी में बसना चाहें तो उनका स्वागत है।


तालिबान प्रवक्ता मुस्लिम खान ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उनका समूह अरब मूल के उन लड़ाकों का स्वागत करेगा, जो अफगानिस्तान में अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना के खिलाफ युद्ध में हिस्सा लेना चाहेंगे। तालिबान प्रवक्ता ने कहा है कि उनका संगठन ऐसे लड़ाकों की पूरी मदद और हिफाज़त करने को तैयार है। ओसामा बिन लादेन भी यहां सकते हैं। निश्चितरूप से, एक भाई की तरह वे जहां भी रहना चाहे रह सकते हैं। मुस्लिम खान के इस बयान ने पाकिस्तान के होश फाकता कर दिये हैं। हालांकि उनके मंसूबों को नाकामयाब करने के लिए पाकिस्तान के सूचना मंत्री कमर जमान कारिया ने कहा कि उनके देश में लादेन जैसे लोगों को कभी भी पनाह नहीं लेने दी जाएगी।



दक्षिण एशियाई मामलों के एक अमेरिकी विशेषज्ञ का मानना है कि कुख्यात आतंकवादी संगठन अलकायदा और तालिबान के शीर्ष नेता पाकिस्तान में छिपे हुए हैं, इसलिए आतंकवाद को शिकस्त देने के लिए पाकिस्तान पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में भारत,पाकिस्तान और दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ डेनियल मार्की ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी रणनीति के उद्देश्य संकीर्ण हैं, इसलिए दक्षिण एशिया में अमेरिका के हितों को नुकसान हो रहा है। मार्की ने कहा, "पिछले दो वर्षो में अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सुरक्षा हालात खराब हुए हैं। पश्तून बहुल इलाकों में अलकायदा और तालिबान की सक्रियता बढ़ी है, वहीं दोनों देशों के गैर-पश्तून इलाकों में कई भारत विरोधी चरमंपथी तत्व और युद्घ नेता सक्रिय हैं। चिंता की बात यह है कि तालिबान और अलकायदा के अधिकांश बड़े नेता पाकिस्तान में पनाह लिए हुए हैं और वे वहां से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। अमेरिकी प्रशासन के लिए उपयुक्त यही है कि वह पाकिस्तान पर ज्यादा फोकस करे।"


पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी का कहना है कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक़ ओसामा बिन लादेन की मौत हो चुकी है। इस्लामाबाद में पत्रकारों से बातचीत में ज़रदारी ने कहा कि ओसामा बिन लादेन को ढूँढ़ने के लिए अमरीकियों के पास तो बेहतर साधन हैं मगर उन्हें भी लादेन के ठिकाने का कोई अंदाज़ा नहीं है।

इसके बाद ज़रदारी का कहना था, "हमारी अपनी ख़ुफ़िया एजेंसियाँ भी ऐसा ही मानती हैं कि अब वो नहीं रहा, उसकी मौत हो चुकी है।" उन्होंने इस दौरान ये नहीं बताया कि वह इस नतीजे पर कैसे पहुँचे हैं और उन्होंने ये कहा कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते हैं।
जबकी पाकिस्तानी प्रधान मंत्री के बायाँ को देखें तो विरोधाभास लगता है की उन्होंने जरदारी के बयान से अपने आप को अनभिग्य बताया।

तालिबान का पाकिस्तान में बढ़ता हस्तक्षेप और पाकिस्तानी परमाणु बम पर उसकी नजर भारत के लिए चिंता जनक तो है ही पुरे विश्व पर एक काली छाया है। पकिस्तान की राजनीति जिस तरह से तालिबान के हांथ की कठपुतली हो चुकी है, पाकिस्तानी आवाम के लिए भी इराक़ और अफगानिस्तान वाला ख़तरा मंडरा रहा है। क्या राजनैतिक महत्वाकांक्षा से परे लोकतंत्र और आम लोगों के लिए फ़िर से एक दुखदायी युद्ध की घंटी है ?


विकलांग हो चुका पकिस्तान कहीं मानवता के लिए कोढ़ तो नही बन रहा ??


0 टिप्पणियाँ:

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP