भाई दीनबंधु आप का लिखी हुई पोस्ट अभी अभी पढ़ी ,
शनिवार, 20 जून 2009
भाई दीनबंधु ,
आप का लिखी हुई पोस्ट अभी अभी पढ़ी ,
दोस्त मैंने तो सिर्फ़ अपनी तीन पोस्ट मे से सिर्फ़ ३ लाइन मे ही संयम खोया है ,
क्या करू मानव जीवन मे कही बार कुछ भावुक पल भी आ ही जाते है ,
परन्तु मित्र उन पलो मे भी मैंने किसी भी रूप मे जातिसूचक सब्द ( चमार ) का पर्योग नही किया है ,
रहे बातपुस्तैनी काम की तो वो तो किसी भी काम मे हो सकता है ,
"शठे शाठ्यम समाचरेत" पर यदि मेरा विश्वाश होता तो मै कभी भी इस मंच पर अनूप मंडल को भाई का सम्भोधन नही देता ,
जबकि वो मुझे राक्षसी प्रव्रत्ति का सिद्ध करने मे लगे है /
मै अपनी सीमा को जनता हु जनाब इसलिए धर्म पर आधारित सवालो का जवाब भी वही तक ही दे रहा हु/
मैंने कल अपनी पोस्ट
मंडल का बन क्या बण्डल भाग -२
सिर्फ़ ये बताने के लिखी थीकी यदि मे अनूप मंडल से उन की ही भाषा मे बात करू
तो वो इस का क्या जवाब देगे
आप की बातो से लगता है लोकतंत्र सिर्फ़ मेरे लिए ही आया है ,
मेरे पोस्ट मे लिखा था
संत पर कीचड़ उछालना तो आप जैसो का परम कर्तव्य है महात्मा को गाली दे सकते हो ये बात ही तुम्हरी जाती बता सकती है , समझ जाओ ,और जा कर अपना पुस्तैनी काम करो
इस मे आप ने अपने विषय मे कहा से ढूढ़ लिया
अनूप मंडल आप ने अब तक
आत्मन अनूप मंडल से करबद्ध निवेदन है कि अमित जी ने आपके समक्ष जो बातें रखी हैं उन्हें व्यवहारिक तरीके से यदि सामने लायी जाएं तो ये एक अत्युत्तम विकल्प है। आप इस बात का स्पष्टीकरण अवश्य करें कि आपने जिन शब्दों के आपत्तिजनक अर्थ बताए हैं उनका आधार कौन सा शब्दकोश है और किसने लिखा व कहां से प्रकाशित हुआ है। यदि आपके अनुसार जैन फेरबदल करवाने में माहिर हैं और शब्दकोशों के शब्दों में हेराफेरी कर देते हैं तो इस बारे में ठोस प्रमाण भड़ास के मंच पर लाइये ताकि आपकी बात की पुष्टि हो सके। भाषा व उसके व्याकरण में उलझ कर मुख्य मुद्दा जिसमें कहा गया था कि जैन राक्षस होते हैं वो तो कहीं गुम होता प्रतीत हो रहा है। मेहरबानी करके सभी बातों को क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत करें।
सनूप मंडल आप ने मुनांदर सोनी जी , और मेरी बात का जवाब नही दिया है / किर्पया बाद की बात बाद मे करेगे / पहले सिर्फ़ इस बात का ही जवाब दे / फ़िर आप
2 टिप्पणियाँ:
मेहरबानी करें अनूप मंडल के भाई-बंधु कि अगली पोस्ट में जरा इन बातों को साफ़ कर दें जो अमित भाई के सवाल हैं या जो मुनेन्द्र भाई ने कहा है। यदि आप अपनी बातों को बिना प्रमाण के रखेंगे तो सब हवाहवाई हो कर रह जाएगा। जरा ठोस बात रखें
जय जय भड़ास
बात तो सही है,
केवल बकार्चुदई करने से काम नहीं चलने वाला है,
तथ्यों के साथ पुष्ट बातें रखें,
जय जय भड़ास
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