मन में गोडसे को बसा कर मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘क्षमा-धर्म’ को न समझ पायेंगे
योगी
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मन में गोडसे को बसा कर मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘क्षमा-धर्म’ को न समझ पायेंगे
योगी!मन में गोडसे को बसा कर मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘क्षमा-धर्म’ को न समझ
पायेंगे...
2 घंटे पहले
2 टिप्पणियाँ:
स्मृति - मदिरा पीता हूँ और पीकर फुल तर्राट हो जाता हूं :)
जय जय भड़ास
शानदार है,
रही जी को साधुवाद.
जय जय भड़ास
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