अमित ने इस्लाम के नाम की रसीद फाड़ कर सिद्ध कर दिया मुसलमान लड़ाकू-झगड़ालू होते हैं
शनिवार, 20 जून 2009
हमेशा की तरह बात से दरकिनार रहने की कोशिश करी लेकिन मजबूरन रह न पाया। अमित जैन और अनूप मंडल के विवाद को लगातार देख रहा था लेकिन आज पाया कि बात घूम फिर कर इस्लाम पर आ गयी। अमित ने इस्लाम के नाम की रसीद फाड़ कर सिद्ध कर दिया कि लोगों की ज़हनियत में एक बात कूट-कूट कर भरी है कि मुसलमान लड़ाकू-झगड़ालू होते हैं। दीनबंधु जी ने इस बात को कहा है लेकिन मैं भी उनकी सहमति में पोस्ट डाले बिना रह नहीं सका। जो गलत है वो हर हाल में गलत है उसमें आस्था और मज़हब कहां से आ गया? अच्छाई और बुराई हमेशा से रही है। अगर आपसल्लेसल्लम मोहम्मद के उम्मती हैं तो उनके विरोधियों के समर्थक भी तो हैं ही। जादूगर उनके समय में भी थे तो आज भी ढंके छिपे होंगे ही। मैं जैनों के बारे में बस इतना ही जानता हूं कि वे मूर्तिपूजक होते हैं और उनके देवताओं की मूर्तियां कपड़े के बिना रहती हैं, उनके कुछ साधू मुंह ढंके रहते हैं सफ़ेद कपड़े पहने रहते हैं और कुछ कपड़े भी नहीं पहनते, आप लोगों के विवाद से पहले मैं जैनों को हिंदू ही मानता था लेकिन हमेशा सोचता था कि इनके मंदिरों में देवता हैं क्या देवियों की भी बिना कपड़ों के मूर्तियां होती हैं लेकिन किसी से पूछने की हिम्मत नहीं हुई कि कहीं बवाल न हो जाए। खैर इन बातों से हटकर मेरी तकलीफ़ कहता हूं जो कि आज अमित ने दी है। सभी भड़ासियों से निवेदन है कि इस मामले में अपनी राय जरूर रखें। चुप रहने वाला आदमी बेहद मौकापरस्त माना जाएगा। इस्लाम के बारे में लोग क्या राय रखते हैं पता चल रहा है।
जय जय भड़ास
2 टिप्पणियाँ:
उमर चाचा!मैं निजी तौर पर आपको जानता हूं इस लिये आपकी मनोस्थिति को समझ रहा हूं। अमित को पता नहीं है कि आप वाकई मासूम हैं। इस हद तक मासूम कि हम जैसे न जाने कितने हिंदुओं को चेम्बूर के भाई भाई नगर में बचाने के लिये खुद तलवार लेकर हिफ़ाजत के लिये न जाने कितनी रातें जागे जबकि पुलिस वाले खुद वर्दी उतार कर फसादियों का साथ दे रहे थे और लूटपाट कर रहे थे। यदि अमित भड़ास के पन्नों पर पीछे जाएंगे तो समझ जाएंगे कि मोहम्मद उमर रफ़ाई क्या हैं
जय जय भड़ास
बात की बेबात,
आरोप प्रत्यारोप से परे मुद्दों पर जिरह हो तो बेहतर,
बाकी सभी धर्म में बस मानवता ही तो है,
कोई साबित करे कि किस धर्म में मानवता को त्यागने की बात कही गयी है.
जय जय भड़ास
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