--------उम्मीद कि किरण-------------मेरा दर्द

शनिवार, 6 जून 2009

तेरे आने की ख़बर
ख़ुद की धडकनों से छुपा रखी थी ....

जगमगा रही थी वोह रात कुछ इस कदर !!!
वोह रात मैंने अंधेरो से बचा रखी थी .....

तेरी तस्वीर भी बोल उठी के उससे मुझसे मोहब्बत है !!!
तेरी तस्वीर को सीने से जो , लगा रखी थी ....

आसान है ऐसे में ,आंखों में से अश्को का बह जाना !!!
पर तेरे लिए ,मैंने इस चेहरे पर एक मुस्कान सी सजा रखी थी ...

एक पल के लिए भी तुझे भूला नही मैं !!!
कैसे भूलता तुझे ,तेरी खुसबू को इन साँसों में जो मैंने , बसा रखी थी ....

"अमित " आज गुनगुना रहा है वोह ग़ज़ल !!!
जो तुझे पहली मुलाक़ात में मैंने , सूना रखी थी ....

"अमित " को था यह पुरा यकीन ,के एक दिन हम मिलेंगे ज़रूर !!!!
कैसे bujhti वोह उम्मीद की किरण , दिल में अपने जो जला रखी थी ....

1 टिप्पणियाँ:

renu ने कहा…

apni ummedon ka bayan amit ji ne bakhoobi se kiya hai ...dil me utar gayi baaten ...

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP