राक्षस जैनों ने भाई रणधीर सिंह ’सुमन’ पर डाली अपनी काली जादुई नज़र
शुक्रवार, 10 जुलाई 2009
अनूप मंडल की तलाश करने वाले पाखंडी जैनो ने अपनी काली जादुई करतूतें जारी रखी हैं। एक तरफ़ महावीर सेमलानी नाम का महाधूर्त,पाखंडी चुप्पी साधे बैठा है और दूसरी तरह अमित जैन नाम का कुटिल दानव कभी कविताएं लिख कर भरमाता है और कभी चुटकुले सुनाता है ताकि आप सब सोचें कि ये तो बड़ा भोला आदमी है। इनका काला चेहरा तो अपना असली भयानक रूप उसी दिन लेने लगा था जिस दिन "लोकसंघर्ष" वाले भाई रणधीर सिंह 'सुमन' जी ने हमारे साथ सहमति जताई थी। ये उसी दिन से जुट गये थे अपने राक्षसी पाप में और सबके सामने है कि भाई सुमन जी को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें पेसमेकर लगाना पड़ा। इन दुष्टों का पाप सीधे-सीधे सामने नहीं आ पाता और ये भोले बने रहते हैं और लोग समझते हैं कि हम किसी दुराग्रह से इनके पीछे पड़े हैं। सुमन भाई भले ही कुछ भी सोचें लेकिन हम जानते हैं कि ये इन्हीं जैन राक्षसों की करतूत है आप सब जानते हैं कि इनके पास चंद्रास्वामी(नेमीचंद्र जैन) जैसे भयानक असुर तांत्रिक हैं। राक्षसों बाज आओ अपनी हरकतों से वरना मारे जाओगे और अमित इतने मद में चूर है कि खुद काल को तलाश रहा है।
जय जय भड़ास
जय नकलंक
7 टिप्पणियाँ:
अबे २१ वी सदी मे ११ वी सदी की बात , कहा रहते हो ?
बावली पूछ , तेरे को किस ने ब्लॉग लिखने दिया
बकवास मत लिखा करो , साले हम यहाँ कुछ पढने आते है , तेरी बकवास देखने नहीं
अबे चूतियों जिनके प्रोफ़ाइल को कमेंट के साथ दिखा रहे हो उन सबके ब्लागर एकाउंट हैं लेकिन कमेंट करने के लिये दूसरा तरीका अपना रहे हो क्योंकि पिछाड़ी में दम नहीं है खुल कर सामना करने की इस लिये इस तरह की चिरकुट हरकतें कर रहे हो और तो और एक राक्षस का तो उसके मां-बाप ने नाम तक नहीं रखा है इसलिये बेनामी कमेंट कर रहा है। बेटा हम तुम्हारा असली चेहरा जानते हैं और उसी को सामने ला रहे हैं जिस कारण तुम्हारी फटी पड़ी है
जय जय भड़ास
जय नकलंक
reechaji sharma,
Prakashji Jha,
Anonymousji,
आप सभी बुद्धिजीवी है इसलिए मै आपकी बात को सही समझता हू।
जयजिनेद्र
आभार/मगलभावानाओ सहित
मुम्बई टाईगर
मुरक हो
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