ना कोई स्वर्ग है, ना कोई मोक्ष, ना आत्मा किसी परलोक में जाती है.
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भारत में परजीवियों का एक विशाल समूह है जो बोलता है कि “सब कुछ माया है”,
लेकिन व्यवहार में यह समूह खुद तो सारी जिंदगी इसी “माया” के पीछे पागल रहता
है. प्रा...
7 घंटे पहले
3 टिप्पणियाँ:
रणधीर भाई लोकसंघर्ष अपने नाम को पूरी तरह से सार्थक करे हुए है। बेहतरीन व्यंगचित्र है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आदरणीय नीलोफ़र भागवत जी से पूर्ण सहमति......
जय जय भड़ास
meri taraf se bhi badhai aur sir doctor sahab ki doori zyada hai lekin chote bhai ko bhi aise mauke par yaad kar liya karen mai to apke bagal me hi rahta hun
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