लो क सं घ र्ष !: बुदबुदाते, खदबदाते, भरे बैठे लोगों को व्यंग्य वार्ता का आमंत्रण
शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2009
प्रिय साथियो!
चलिये समाज की कुरीतियों, विसंगतियों, झूठ व आडम्बर पर प्रहार करें। हमारे औजार हमारी संवेदनाएं, हमारी अनुभूतियां, हमारे अनुभव होंगे और इनको जो धार देगा निस्संदेह वह व्यंग्य होगा। आईये हमसे हाथ मिलाइये और करिए समाज की सफाई; क्योंकि अब ‘व्यंग्यवार्ता’ का शुभारम्भ हो चुका है। संभावित दूसरा अंक पुलिस विशेषांक होगा। कमर कसिए, कलम घिसिए और भेज दीजिए अपनी चुटीली रचनाएं। हम उन सभी का स्वागत करते हैं जिनकी मुट्ठी अभी भी भिचतीं है और जो समाज को सुन्दर, बेहतर और स्वस्थ देखना चाहते हैं..........।
शुभकामनओं सहित...!
आपका मित्र
अनूप मणि त्रिपाठी
सम्पादक
व्यंग्यवार्ता
24, जहाँगीराबाद मेंशन, हजरतगंज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
09956789394, 09451907315
anoopmtripathi@gmail.com
atulbhashasamwad@gmail.com
लोकसंघर्ष के सभी मित्रों से अनुरोध है की लखनऊ से प्रकाशित व्यंग वार्ता पत्रिका में अपने लिखे व्यंग भेजने का कष्ट करें ।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें