क्या ये विज्ञापन कानूनन सही है?

रविवार, 15 नवंबर 2009

4 टिप्पणियाँ:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

अमित भाई, अखबार इस तरह के इश्तेहारों से भरे रहते हैं कानूनन हम इन इश्तेहार देने वालों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते ये बात अलहदा है लेकिन धन्य हैं वो सम्पादक जो पैसे की लालच में वेश्याओं और आतंकवादियों तक के एडवर्टाइजमेंट स्वीकार लेते होंगे
जय जय भड़ास

dr amit jain ने कहा…

डॉ साहब यदि हम इन का कुछ भी नहीं बिगड़ सकते तो फिर drug and magic act का झुनझुना सरकार ने क्या हमे बहलाने के लिए पकड रखा है /क्या हमे इन के खिलाफ आवाज नहीं उठानी चाहिये /स पारकर के लोग चिकित्सा व्यवसाय के साथ दिन दहाड़े सब के सामने बलात्कार कर रहे है , और जिन मरीजो के विस्वाश के साथ ये बलात्कार होता है वो बेचारे तो पहले ही किसी न किसी बीमारी के बजह से दबे होते है

मुनेन्द्र सोनी ने कहा…

अमित भाई,एक तो अंग का आकार बढ़ा रहा है दूसरे रंगीन मोबाइल भी फ़्री दे रहा है। अब क्या इसकी जान लेनी है? इसमें ड्रग एण्ड मैजिक एक्ट का उल्लंघन होने जैसा क्या है? क्या मैजिक का भी जिक्र है कि ये सब जादू से करा जाएगा? यदि दवा परीक्षित नहीं है तो संबंधित विभाग में उसके परीक्षण के लिये शिकायत आवेदन करिये और किस आधार पर रजिस्टर्ड है है भी या नहीं ये पता लगाइये तब जरूर कार्यवाही संभव है। आपको याद होगा हाल में हुआ मुंबई का फ़र्जी साइंटिस्ट मुनीर खान का मामला जिसे हमारे आदरणीय़ डा.रूपेश श्रीवास्तव जी ने ही उठाया था और फिर उसे अब इस अंजाम तक आना पड़ा।
जय जय भड़ास

arun prakash ने कहा…

क्या कहू ब्लाग पर मैने भीलिखा है कृपया इसे भी पढ कर देखे

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