लो क सं घ र्ष !: ममता जी, टिकट रेलवे का बेचती हैं, यात्री यमलोक जाता है
रविवार, 17 जनवरी 2010
टूंडला रेलवे स्टेशन पर कालिंदी एक्सप्रेस ने श्रम शक्ति एक्सप्रेस को टक्कर मारी तीन यात्रियों की मौत 14 घायल। आज हरिहरनाथ एक्सप्रेस ने हैदरगढ़ बाराबंकी के पास मानव रहित क्रोस्सिंग पर इंडिका कार को टक्कर मारी। कहने के लिए बहाना चाहे जो भी धुंध जाए ममता जी जब से आप रेलमंत्री हुई हैं ट्रेन दुर्घटनाओ की बाढ़ आ गयी है आप के पास समाये नहीं है रेल मंत्रालय को देने के लिए टू रेल मंत्री पद से इस्तीफा देकर केंद्र की कैबिनेट में अपने लिए नया पद बंगाल में वाम मोर्चा हटाओ मंत्री पद ले लीजिये जिससे कोई नया रेल मंत्री आवे टू कम से कम रेलवे की समस्याओं से निपटने का प्रयास करे सबको मालूम है कि कोई भी रेलवे ट्रैक 20 मिनट तक खाली नहीं रहता है। कोई न कोई ट्रेन अच्छी स्पीड में पास होती रहती है तो मानव रहित रेलवे क्रोसिंग्स का क्या अर्थ है जब भी कोई वहां क्रोसिंग पार करेगा तो दुर्घटना तो होगी ही । रेलवे में अगर 24-24 घंटे यातायात स्टॉप से कार्य लिया जाएगा तो निश्चित रूप से मानवीय भूलों के आधार पर दुर्घटनाएं होंगी ही । अगर रेलवे में खाली पदों पर भर्ती कर ली जाए और नियमानुसार कार्य किया जाए तो लाखो लोगो को रोजगार मिलेगा और दुर्घटनाएं नहीं होंगी ।
ममता जी आपकी मंशा है कि अमेरिकन साम्राज्यवाद के इशारे पर रेलवे की स्तिथि इतनी खराब कर दो की बेचने के अलावा कोई विकल्प न रह जाए ये सारी की सारी दुर्घटनाएं और अव्यवस्था जानबूझ कर फैलाई जा राही हैं जिसका आप एक हिस्सा हैं। इसीलिए आप टिकट रेलवे का बेच रही हैं और यात्रा करा रही हैं यमलोक की।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
2 टिप्पणियाँ:
भाईसाहब अब क्या भारत के लोग ये चाहते हैं कि रेलवे यात्रा के अलावा जीवन बीमा भी निकाल कर दे सौ-पचास रुपए के टिकट के साथ। अरे भाई एक न एक दिन तो सबको मरना ही है जो यात्राए जमीनी हैं वो तो इसी तुच्छ जीवन में ही करनी पड़ती हैं सो अगर जिन्दा रहे तो गंतव्य पर और नहीं तो गोलोक तक तो हमारी ममताबाई पहुंचा ही रहीं हैं आप क्यों उनकी जान के पीछे पड़े है। कितना लड़ झगड़ कर तो बेचरिऊ रेल मंत्रालय लेंती हैं और आप हैं एक क्षुद्र सी दुर्घटना के चलते वो पद उनसे छीन लेना चाहते हैं ये बिलकुल गलत बात है। भइया! ये तो लगे हाथ जनसंख्या कम करने का भी उपाय कर रहे हैं ऐसे लोगों को तो जनता को सम्मानित करना चाहिये, ये जनता की ही तो नेता हैं या अमेरिका से इम्पोर्ट करी गयी हैं तो अब इन्हें झेलना भी जनता को ही होगा
जय जय भड़ास
ममता की ममता सिर्फ बंगाल कि कुर्सी है और इसके लिए भारतीय रेल एक सीढ़ी,
आप और हम मरते हैं तो मरें.
जय जय भड़ास
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