लो क सं घ र्ष !: राज्य की गुंडागर्दी

शनिवार, 23 जनवरी 2010

भारतीय संविधान के अनुसार राज्य कर्मचारियों को अपनी मांगो के समर्थन में हड़ताल का अधिकार है वहीँ काम नहीं तो दाम नहीं के सिधान्त के अनुसार हड़ताल के समय कर्मचारियों की उस दिन का वेतन देने का प्राविधान हैउत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारी शिक्षक अपनी मांगो के लिए लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे थे जिसपर उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष चहेते जिला मजिस्टे्ट अमित घोष ने लाठियां गोलियां चलवायीं डी.आई.जी लखनऊ ने निहत्थी महिलाओं को लाठियों से पीटासरकारी कार्यालयों में घुस कर गैर हडताली कर्मचारियों को भी पीटा गयाकल दिनांक 22-01-2010 को राजधानी के प्रमुख सरकारी अस्पताल बलरामपुर हॉस्पिटल में पुलिस और पी.एस.सी, हड़ताल खत्म कराने के नाम पर मरीजों तथा कर्मचारियों के ऊपर अकारण लाठीचार्ज कर दिया अस्पताल के आसपास के राहगीरों को भी पीटा गयारात में पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में कर्मचारी नेताओं के घरों में घुसकर उनके बीबी और बच्चो की राजाइयाँ डंडो से फेंक कर उनके पतियों का सुराग मालूम करने का प्रयास जारी रहाकर्मचारियों की पत्नियां बच्चे राज्य के नौकर नहीं हैं। महिलाओं व बच्चों को राज्य सरकार द्वारा प्रताड़ित करने का कोई औचित्य नहीं है। उनके साथ इस तरह की अभद्रता करना सीधे-सीधे राज्य की गुंडागर्दी है और यह भी एक गंभीर अपराध है
लखनऊ के जिला मजिस्टे्ट अमित घोष उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती को खुश करने के लिए कृषि विभाग के एक कर्मचारी को तीन थप्पड़ मारेडी.आई.जी पुलिस जिला मजिस्टे्ट अमित घोष पागलपन की सीमा से बढ़ कर आतंक का राज पैदा कर रहे हैंराज्य द्वारा किये गए अपराधों के लिए कोई कानून नहीं है ?

सुमन
loksangharsha.blogspot.com

2 टिप्पणियाँ:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

जनता चूतिया है, कोई साला नेता हो या कितना भी बड़ा अधिकारी पिछवाड़े बारूद भर कर माचिस खिला दी जाए तो सब धुंआ हो जाता है। जिस दिन आम आवाम की खोपड़ी सटक गयी तो इन गुंडागर्दी करने वालों के पीछे डंडा डालकर मुंह से निकाल देगी। अमित घोष के चार हाथ नहीं है अगर पांच सौ लोग लिपट कर साले को पटक लेते तो पता चलता कि क्या नतीजा होता है। डी.एम. क्या उसमें चपरासी बनने की योग्यता नहीं है अराजकता फैला कर शहर में आग लगवा देगा ऐसा आदमी तो......
अगर गुस्सा सहन नहीं होता तो घर बैठे इस्तीफ़ा देकर वही बेहतर होगा वरना कभी जनता के हाथ आ गया तो लोग टिक्का-बोटी करके आपस में बांट लेंगे। ये भाषा विनती की समझो या धमकी भरी लेकिन सच यही है
जय जय भड़ास

बेनामी ने कहा…

गुरुदेव एकदम सही कहा,
स्साले इन्ही देशद्रोहियों के करण देश कि गांड में दाउद और कसाब नामक दामाद बैठे हैं.
जय जय भड़ास

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