लो क सं घ र्ष !: न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के सवाल पर जंग
शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010
राज्यसभा में भ्रष्टाचार से आरोपित कर्नाटक उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश जस्टिस पि.डी. दिनाकरण पर महाभियोग की कार्यवाही लंबित है। उच्चतम न्यायलय चयन मंडल ने जस्टिस दिनाकरण को छुट्टी पर जाने की सलाह देकर उनकी जगह दिल्ली उच्च न्यायलय के जज जस्टिस मदन बी लोकुर को मुख्य न्यायधीश नियुक्त कर दिया था। अब जस्टिस दिनाकरण ने छुट्टी पर जाने से इनकार कर एक संविधानिक संकट खड़ा कर दिया है माननीय उच्च न्यायलय व उच्चतम न्यायलय के न्यायधीशों को हटाने की प्रक्रिया वही है, जो प्रक्रिया देश के राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति की है। माननीय न्यायधीश चाहे जितने भ्रष्ट हो जाएँ चाहे जितना निरंकुश हो जाएँ उन्हें महाभियोग के अतिरिक्त नहीं हटाया जा सकता है इसीलिए आज तक किसी भ्रष्ट न्यायमूर्ति को हटाया नहीं जा सका है लेकिन उन भ्रष्ट न्यायमूर्तियो ने निरंकुशता का परिचय नहीं दिया था और चयन मंडल की सलाह से छुट्टी पर चले गए थे लेकिन श्री दिनाकरण ने छुट्टी पर जाने से मना कर दिया। विधायिका में आए दिन की उठापठक का असर दूसरे क्षेत्रों में भी पड़ता है। एक बार उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर श्री जगदम्बिका पाल बैठे और उनको कुर्सी से उतारने के लिए लखनऊ के जिला मजिस्टेट व पुलिस अधिकारियो को हस्तक्षेप करना पड़ा था। श्री जगदम्बिका पाल को यह डर था कि जैसे वह कुर्सी से उठे की उनका मुख्यमंत्री पद चला जायेगा और हुआ भी यही था कि जैसे ही वह कुर्सी से उठे की उनका पद चला गया था । न्यायपालिका में इस तरह की जंग उसकी गरिमा को नहीं बढाती है आम आदमी का आज भी विश्वास है कि कहीं से अगर न्याय नहीं मिलेगा तो हम उच्च न्यायलय व ऊच्च्तम न्यालय से पा लेंगे उस आशा को यह जंग तोडती है ।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
1 टिप्पणियाँ:
Jha Sahab,
Naveen Suchana ke anusar Justice Dinakaran ji ko Sikkam Uchch nayalay main uchch nayaydheesh ke rrop main niyukt kar diya gaya hai, yani apke shbdon main unhone pad ki garima ke khilwad ka ek naya adhyay jod liya hai,
"Barbad Gulistan karne ko bas ek hi ullu kafi tha,
Har sakh pe ullu baithain anzam-e-gulistan kya hoga"
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