लो क सं घ र्ष !: मेंरे लिए भी एक शब्द लिख दो
गुरुवार, 8 अप्रैल 2010
मैं जगराम सोनकर  हूँ। मैं करौंदिया थाना  कोतवाली नगर जिला सुल्तानपुर  ( उत्तर प्रदेश) का निवासी  था। कल मैं जब  अपनी पत्नी और भाई के  साथ अपना इलाज कराने  के लिए सुल्तानपुर शहर  जा रहा था कि उत्तर  प्रदेश पुलिस के सिपाही  व उसके सहयोगियों ने  मुझे पीटना शुरू कर दिया।  मैं भागकर गोमती नदी  में कूद गया। उन  दोनों लोगो ने गोमती  नदी से निकाल कर फिर  मुझे इतना पीटा की मौके  पर ही मेरी मौत हो  गयी। पुलिस लाश लेकर  भागने लगी कुछ सिरफिरे  नवजवान मेरी मौत का विरोध  करने लगे तो पुलिस पी.एस.सी  ने उनको भी जमकर मारा-पीटा  मरने के बाद क्या आप  मुझे कोई न्याय दिला  सकते हो। मुझे कौन  से शहीद की श्रेणी में  रख सकते हैं ? मुझे कैसे  इन्साफ दोगे ? मेरे जैसे  हजारो लोग प्रतिदिन पुलिस  उत्पीडन का शिकार होते  हैं, थानों की विभिन्न  हवालातों में दम तोड़  देते हैं। हमारे जैसे  लोगों के हिस्से में  यदि आप के पास एक  भी शब्द हो तो क्या  लिख सकते हो ?
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
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फोटो- हिंदुस्तान से साभार
 
 
 
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1 टिप्पणियाँ:
दिल छू लिया मित्र
वाकई पुलिस व्यवस्था अब समाज के संरक्षण से ज्यादा समाज के कंटक के रूप में काम कर रही है
बढियां लेख के लिए शुभकामनाएं
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