योग की मुद्राओं और आसनों को अमेरिकी पेटेंट करा लिया गया उखाड़ो क्या उखाड़ लोगे

सोमवार, 28 जून 2010

भारत की प्राचीन योग विद्या के आसनों को अमेरिका में करीब १५० पेटेंट, तो हज़ार ट्रेडमार्क और १५० कॉपीराइट करा लिये गये हैं। अब भारत सरकार जो कि हमेशा से ही अपनी संस्कृति को सम्हालने से अक्षम रही है अब थोड़ा सतर्क हुई ऐसा बतायी जा रही है कि पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी हमारे दो हजार साल पुराने पातंजल योग सूत्र, भगवत गीता, अष्टांग योग, हठ योग प्रदीपिका, घेरंड संहिता, शिव संहिता आदि ग्रंथों से अब ज्ञान को वीडियोग्राफ़ी कराके स्वरूप प्रदान कर रहा है।
आने वाले समय में अमेरिका में चलने और हगने-मूतने की मुद्रा का भी पेटेंट करा लिया जाएगा तो इससे क्या हम भड़ासियों को फर्क पड़ेगा? अमेरिकी मेरे हिसाब से महागधे सिद्ध हो रहे हैं जो ये सोचते हैं कि वो पेटेंट का जाल फेंकेंगे और हमे फंसा लेंगे, अरे यारों! आप परेशान न हों आप तो खूब मुग्दर भांजिये,कसरत करिये,योगाभ्यास करिये,प्राणायाम करिये,जड़ी-बूटियों का खूब प्रयोग करिये। अमेरिका के चिरकुट गदहों को ये नहीं पता कि हम भले ही इतने भोले हैं कि अपने आक्रांताओं को भी सहज स्वीकार लेते हैं और अपना बना लेते हैं। हमें और हमारी इस संस्कृति को कोई ग़ुलाम नहीं बना सकता और जब ज्यादा सता लिया जाएगा तो फ़िर से आपस में हिन्दू-मुसलमान,बाम्हन-चमार के नाम पर लड़ते रहने वाले भाई एक होकर इंकलाब ज़िंदाबाद का नारा बुलंद कर देंगे। चाहे चीन और या अमेरिका ये हमें कभी नहीं दबा सकते वो तो हमारी फ़ितरत है कि हम जब तक सिर झुकाते हैं तभी तक झुके हैं वरना हमारा इतिहास गवाह है कि भले हम गुलाम होते रहे लेकिन एक समय के बाद आक्रांता को मुंडी से रगड़ कर दोबारा अपनी पहचान दे देते हैं। पेटेंट-शेटेंट जैसी छुतही बातें हमें नहीं बांध सकती चाहें वो कितना भी बनियागिरी कर लें। हम गंवार,देहाती,जाहिल और प्यारे बुद्धू किस्म के लोग जैसे थे हजारों साल पहले अब भी वैसे ही हैं रहेंगे .........।
जय जय भड़ास

6 टिप्पणियाँ:

शिवम् मिश्रा ने कहा…

सरकार सिर्फ़ सोती रहेगी और हम अपना सब खोते रहेंगे !

हिज(ड़ा) हाईनेस मनीषा ने कहा…

शिवम भाई सरकार कौन है?हमारी ही तो चुनी हे प्रतिनिधियों की भीड़ है न? जनता के लिये,जनता के द्वारा,जनता की.....
जब तक जनता जागरूक नहीं होगी ये चूतियापा चलता रहेगा और हम अपने ज्ञान को अमेरिका जाकर पेटेंट कराने के लिये पैसा खर्च करते रहेंगे। हमें चाहिये कि हम धड़ल्ले से इनका प्रयोग करें और यदि हमारे प्रतिनिधि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत हमारे ऊपर कार्यवाही करें तो हम उन्हें जमीन दिखा दें
जय जय भड़ास

माधव( Madhav) ने कहा…

i am concerned and can not do anything

Basit ने कहा…

If I cross the line of patent laws what will happen to us? Will we be treated in Jurisdictions Of America...
Jai Jai Bhadas

आयशा धनानी ने कहा…

ek dam sahi likha hai aapne, main jara out of india thi our busy rahi isliye kuchh din se bhadas par likh na saki lekin dekha to karti hoon.

बेनामी ने कहा…

गुरुदेव पेटेंट करा से सेटेंट , साले सरकार और अमेरिकी की ऎसी की तैसी,
जो उखाड़ना है उखड ले हम अपनी सारी संपत्तियों का उपयोग करते रहेंगे.

जय जय भड़ास

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