श्याम जगोता आपकी वकालत में बेनामी मुखौटाधारी कुत्ते भौंकने लगे सामने आने का साहस नहीं है इनमें
शनिवार, 4 सितंबर 2010
श्याम जगोता जी ने अपनी सोच के अनुसार १००% हिन्दू होने के कारण अपनी अभिव्यक्ति एक कार्टून के माध्यम से करी। चूँकि कार्टून में भगवान कृष्ण और माँ यशोदा चित्रित करे गये हैं तो कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं और उन्होंने खुल कर इस बात को भड़ास पर लिखा लेकिन मीडिया क्लब में जिस तरह से इस बात को उछाला वह कुछ अलग ही रंग में दिखा जैसे धमकी देने जैसा आपराधिक कृत्य....। इस बारे में मैंने स्वयं उस साइट पर लिखा कि जैसे श्याम जी ने अपनी अभिव्यक्ति करी है वैसे ही मुनेन्द्र सोनी ने अपनी अभिव्यक्ति करी। मुनेन्द्र ने जो भी लिखा उसे अपने नाम से साथ पूरे साहस के साथ लिखा है कि उन्हें आपकी अभिव्यक्ति से कष्ट हुआ है। इस आलेख के प्रकाशित होते ही भड़ास के टिप्पणी बॉक्स में माँ-बहन की गालियों भरे कमेंट्स श्याम जगोता जी के पक्ष में बेनामी तरीके से भरने लगे। अब श्याम जगोता जी ही सोच लें कि उनके प्रशंसक किस स्तर के हैं जो कि उनके पक्ष में तो हैं लेकिन इतने ढोंगी और डरपोक हैं कि सामने आकर अपना और अपने बापों के नाम तक बताने में डर रहे हैं। रही बात दीपा बिस्वास नाम की आई.डी. की तो उस आई.डी. से मीडिया क्लब पर लिखा गया है कि उसके कमेंट प्रकाशित नहीं करे गए तो उसे पहले इस बात की पुष्टि करनी चाहिए कि क्या सचमुच प्रकाशित नहीं हुआ है या बस ऐसे ही कुछ भी बकवाद करना शुरू कर दिया। दीपा बिस्वास ही नहीं सभी को मैं डॉ.रूपेश श्रीवास्तव खुल कर ये बता रहा हूँ कि ये मंच भड़ास है और यहाँ बड़े से बड़े विवाद सहने का माद्दा है यदि आप अपने परिचय के साथ आते हैं तो यदि आप गाली भी देते हैं तो प्रकाशित कर देंगे क्योंकि वह आपकी सहज प्रतिक्रिया है लेकिन यदि आप बेनामी कमेंट में प्रशंसा भी करते हैं तो उन्हें प्रकाशित नहीं करा जाता है। मैं इस बात को जरा भी विवादित नहीं मान रहा हूँ ये बस एक विचार विमर्श है किसकी अभिव्यक्ति सार्वजनिक होने योग्य है और किसकी नहीं। मनीषा दीदी ने दीपा बिस्वास को सामने आकर हमें अक्ल भीख में देने का निमंत्रण दिया है लेकिन अब तक उनकी तरफ से एक चुटकी भी अक्ल हम बेअक्लों की झोली में नहीं गिरी। मेहरबानी करें आप शीघ्रातिशीघ्र अक्ल के पैकेट बनवा कर भेज दें हम उनके चित्र भड़ास पर प्रकाशित करेंगे। जल्द ही मैं चूतिया शब्द के विषय में लिखने वाला हूँ जिसे श्याम जगोता जी ने अपने लिये गाली माना है।
जय जय भड़ास
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