विचित्र किन्तु सत्य : पुलिसिया इतिहास में सबसे शर्मनाक घटना....

सोमवार, 18 अक्टूबर 2010


गाजीपुर के नंदगंज थाने के भीतर बिना अपराध जबरन बंधक बनाकर रखी गईं महिलाएं : लाल साड़ी में खड़ी भड़ास ब्लॉग के संचालक श्री यशवंत सिंह की मां , पैर व कूल्हे में दिक्कत के कारण लेटी हुईं चाची, बैठी हुईं दो स्त्रियों में चचेरे भाई की पत्नी हैं. एक अन्य दूसरे आरोपी की मां हैं...

देश में महिलाओं के साथ खासकर बृद्ध महिलाओं के साथ पुलिस का व्यवहार कैसा शर्मनाक और कायरता पूर्ण है इस बात का अंदाजा आप U.P के गाजीपुर जिले के नंदगंज थाने के पुलिस के व्यवहार से लगा सकते है जहाँ एक बृद्ध महिला को उसके भतीजे के अपराधी होने के चलते 12 घंटे तक थाने में बंधक बनाकर रखा गया ...ये सिर्फ किसी एक मां की समस्या नहीं बल्कि उन करोड़ों माओं की समस्या है जो इस देश के गांवों में रहती है

जिस प्रदेश की मुख्यमंत्री स्वयं एक महिला हो और देश के शीर्षस्थ पद यानी राष्ट्रपति के ओहदे पर विराजमान हो एक महिला वहां महिलाओं खासकर वृद्ध महिलाओं के विरुद्ध ऐसी कायरता नि:संदेह शर्मनाक है , हम ऐसी कायरतापूर्ण घटना की भर्त्सना करते हैं ........

पूरी घटना के बारे में विस्तार से यहाँ पढ़ें-


http://www.bhadas4media.com/dukh-dard/6969-2010-10-16-11-26-00.html

http://www.bhadas4media.com/dukh-dard/6980-2010-10-17-09-05-00.html

http://www.bhadas4media.com/dukh-dard/6982-2010-10-17-09-56-04.html

लखनऊ ब्लॉगर असोसिएशन

6 टिप्पणियाँ:

honesty project democracy ने कहा…

वास्तव में इस घटना की जितनी निंदा की जाय कम है...आपने इसे अपने ब्लॉग पोस्ट पर उठाकर सराहनीय कार्य किया है ..

ZEAL ने कहा…

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निसंदेह एक शर्मनाक घटना है यह। महिला के सत्ता में होने से कुछ नहीं होता। उनके अन्दर एक संवेदनशील ह्रदय भी होना चाहिए, तभी वे समझ सकेंगी किसी के दुःख दर्द को।

शर्म आती है यह सोचकर कि एक इतने बड़े राज्य की मुख्य मंत्री के चलते इतनी अराजकता है।

अत्यंत निंदनीय ।

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मुनेन्द्र सोनी ने कहा…

लखनऊ ब्लॉगर एसोसिएशन की तरफ से लेख लिखने वाले सुमन नाइस गोली वाले जरा पढ़ने वालों को ये तो बता देते कि भड़ास blog और भड़ास में क्या अंतर है? भड़ास के संचालक भाई रजनीश के.झा और डॉ.रूपेश श्रीवास्तव हैं ये तो भड़ास के नाम की भड़वागिरी कर रहा है।
चोर चोर मौसेरे भाई.... भाईचारा निभा रहे हो। बढिया है रणधीर सिंह/यशवंत सिंह
जय जय भड़ास

आर्यावर्त डेस्क ने कहा…

सुमन जी, कोर्ट की हकीकत लिखते हुए आपकी फटती है, यशवंत की दलाली में साथ देने आ गए. ये यशवंत की दलाली का परिणाम ही है की एक मा को बेटे के कुकर्म की सजा भुगतनी पड़ रही है. वैसे भी पाप और कुकर्म का घड़ा एक दिन फूटता ही है.
देखिये अब यसवंत की दलाली में मिडिया के कितने कुत्ते भोंके हैं और कितने कवुए काँव काँव करते हैं.
जय जय भड़ास

बेनामी ने कहा…

ये सुमन की तस्वीर क्यों सजा राखी है अपने ब्लॉग पर ?

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

सुमन जी की तस्वीर सजा रखी है इसमें बेनामियों को क्या आपत्ति है ये तो बता सकते हैं या इसमें भी कुछ छिपाने जैसी बात है??
जय जय भड़ास

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