स्टार न्यूज़ और दीपक चौरसिया...
सोमवार, 7 फ़रवरी 2011
दीपक चौरसिया उन गिने चुने पत्रकारों में शामिल है जिसे आज के दिनों में लखटकिया कहा जाता है. टी वि पत्रकारिता में दलाली की शुरुआत करने वाला आज तक और आज तक की टीम अगुआ रहा दीपक चौरसिया अपने इन्ही गुणों के कारण वाजपेयी जी के दिनों में दूरदर्शन में भी जगह पाने में कामयाब रहा था.
जरा वीडियो क्लिप पर नजर मारें, जाना पहचाना ही नजारा नजर आएगा. बिहार चुनाव से दीपक चौरसिया के असली गुण निखर कर सामने आये जब नीतीश कुमार की दलाली के लिए महाराज जी ने वाकई नौटंकी वाले का रूप अख्तियार कर गली गली मोहल्ले मोहल्ले जा कर अपने टी वी का प्रचार और साथ नीतीश का भी करता नजर आ रहा था.
खबर और सामाजिक सरोकार से कोसो दूर इस दलाल (पत्रकारिता के नाम पर) ने फिर से उसी रूप को बना कर विश्व कप क्रिकेट के बहाने अपने मीडिया हॉउस का धंधा चमकाने में लगा हुआ है. गन्दा है पर धंधा है ये और धंधे में सब जायज है.
पत्रकारिया का एसा रूप और पत्रकार लखटकिया हो तो मीडिया हॉउस कि पत्रकारिता के प्रति निष्ठां और पत्रकार का समाज के प्रति सरोकार अपने आप समझ में आ जाता है.
भड़ास भी धीरे धीरे समझ रहा है कि लखटकिया होने के लिए कलम का सिपाही नहीं पत्रकारिता का दलाल होना ही एक मात्र अहर्ता है.
हमारे देश के दलाल पत्रकार की जय हो.
1 टिप्पणियाँ:
रजनीश भाई ये टू मच नहीं हो गया यार
दीपक चौरसिया ने ज्यादा कुछ नहीं करा बस स्टार न्यूज़ के लालाओं के पोते सहलाने में थोड़ा आगे बढ़ कर ये काम कर दिया है। जिसे बुरा लगे वो न देखें जिसे अच्छा लगे वो इसी को पत्रकारिता मान कर करता रहे।
जय जय भड़ास
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