क्या तथाकथित मिशन फिलाडेल्फिया की तुलना वर्तमान विमर्शाधीन प्रसंग से की जा सकती है ?

शुक्रवार, 25 मार्च 2011

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१- पहले मुनेन्द्र सोनी जी, फिर दीनबंधु जी, संजय कटारनवरे जी व उसके बाद
अब अजय मोहन जी भी... ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सारे भड़ास के साथीगण यह
मानते हैं कि पपीते को बिना छुऐ, बिना काटे, तंत्र-मंत्र या
दैवीय-पैशाचिक शक्तियों के द्वारा पपीते के भीतर से बहुत सा माल बरामद
होता दिखाना संभव है... और वही शक्ति बकरे की कटी हुई चार टांगें, अंडे,
साड़ी का टुकड़ा, ब्लाउज की बांहें, नींबू, आल पिन, मिर्चें आदि आदि की
शुन्य से उत्पति करने में भी सक्षम हैं... उम्मीद करता हूँ कि ऐसा न हो
और अमित जैन जी की तरह ही कुछ और भड़ासी भी मुझ सा सोचने वाले हों ... :)

२- अजय मोहन जी क्योंकि विमर्शाधीन प्रकरण की तुलना क्योंकि तथाकथित
"मिशन फिलाडेल्फिया"(अतिगोपनीय) से कर रहे हैं व संजय कटारनवरे जी
मेटाफ़िजिक्स व पैरासाइक्लोजी को बीच विमर्श ला रहे हैं तो अन्य सभी कि
सुविधा के लिये बता दूँ कि क्या है यह तथाकथित मिशन...

चार लिंक दे रहा हूँ...

http://www.unexplained-mysteries.com/column.php?id=191033

http://www.ufodigest.com/article/philadelphia-athens-uss-eldridge-wartime-mission

http://www.users.globalnet.co.uk/~noelh/Philadelphia%20Expt.htm

http://www.zamandayolculuk.com/cetinbal/invisibilitytech2.htm

पूरा प्रकरण यह है कि ऐसा कयास लगाया जाता है कि अमेरिका ने एक फ्लोटिंग
न्युक्लियर रियेक्टर से मिली अथाह उर्जा की बदौलत एक समुद्री जहाज को
अदॄश्य कर दिया ... वजह corona discharge या use of a Unified Field
Theory (UFT) by Einstein, and strong magnetic fields.या Invisibility
created by using powerful electromagnetic fields to curve space around
the object ( Light thus bends around the object and the object cannot
be seen) बताई गयी...

वैसे तो यह पूरा प्रकरण ही Conspiracy Theorists का खड़ा किया हुआ है जो
यह साबित करने पर तुली हैं कि जर्मनी के खिलाफ द्वितिय विश्व युद्ध में
विजय Aliens की मदद से संभव हुई... परंतु एक बार यदि इसको सही भी मान
लिया जाये तो भी यह मानना होगा कि पानी के जहाज को अदॄश्य एक उर्जा स्रोत
की मदद से किया गया, व वैज्ञानिक व वैज्ञानिक क्षमता इस काम में लगे...

३- अब इसकी तुलना वर्तमान प्रकरण से करिये... तान्त्रिक किसी दैविय या
पैशाचिक शक्ति की पूजा कर रहा है और वही शक्ति बकरे की कटी हुई चार
टांगें, अंडे, साड़ी का टुकड़ा, ब्लाउज की बांहें, नींबू, आल पिन,
मिर्चें आदि आदि तथाकथित रूप से बिना कटे पपीतों से बरामद करवा देती
है... बहुत अकल्पनीय सा लगता है कि आज के दौर में भी कोई इस बात पर यकीन
करे ... क्या इन सब चीजों की पपीते के अंदर टेलीपोर्टिंग हो गयी... यह सब
करने के लिये उर्जा का स्रोत कहाँ है ?

४- किसी भी शक्ति की किसी मंत्र से उपासना करने, हवन करने,
मांस-मदिरा-मैथुन आदि तान्त्रिक क्रिया करने, अघोर पंथ के पालन से...
क्या किसी को ऐसी सिद्धि मिल सकती है कि वह हवा में बिना विमान उड़ सके,
हवा से चीजें पैदा कर सके, दूर बैठे किसी आदमी को मार सके या बकौल अजय
मोहन जी "पपीते क्या किसी भी जगह से कुछ भी और कोई भी निकलना संभव कर
सके" ... मैं नहीं समझता कि ऐसा कुछ संभव है... जो यह मानते हैं उनसे
अनुरोध है कि एक बार दोबारा पेड़ से तोड़े बिना कटे पपीते से ढेर सा माल
निकाल पाने की तान्त्रिक की क्षमता का पुनर्प्रदर्शन करवा दिखायें...
मुझे पूरा विश्वास है कि ट्रिक पकड़ में आ जायेगी...

प्रवीण शाह ।

4 टिप्पणियाँ:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

मुझे पूरी उम्मीद है कि इस प्रकरण को लेकर यदि हम अनसुलझे इस तरह के रहस्यों को लेकर कुछ समय बाद चर्चा में उदासीन होकर न बैठ जाएं तो अवश्य ही परिणाम पर पहुंच कर लाभान्वित हो सकेंगे। मैं खुद मानता हूं कि चालीस रुपए में खरीदे हुए पपीते में से चार सौ रुपए का सामान निकल सकता है तो ऐसा तंत्र(सिस्टम) जान लेना बहुत लाभदायक होगा कम से कम हम जैसे गरीब भड़ासियों के लिये। इसलिये मेहरबानी करके इस विमर्श को न रोकें क्योंकि यदि अदृश्य हो जाने हवा में उड़ना आदि जैसी बातें हम भड़ासी सीख सकें या फिर बिना बिल भरे इंटरनेट इस्तेमाल करने की कोई सिद्धि हो सके तो मानवता का काफ़ी भला होगा।
प्रवीण जी क्या आप ही वो प्रवीण शाह हैं जो मुझे जैन कर्मफल आदि से संबंधित मेल्स भेजते हैं या वो बंदा कोई अलग है कृपया बताईये।
जय जय भड़ास

प्रवीण ने कहा…

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क्या मॉडरेटर महोदय से मैं यह अपेक्षा रख सकता हूँ कि वह पोस्ट की फार्मेटिंग कर दें जिससे पोस्ट बेहतर लगे...
अग्रिम आभार सहित !


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प्रवीण ने कहा…

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@ डॉ० रूपेश श्रीवास्तव जी,

नहीं मैं वह नहीं हूँ और किसी को इ-मेल नहीं भेजता... और मैं जैन भी नहीं हूँ...

मेरा ब्लॉग है सुनिये मेरी भी....

आभार!


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प्रवीण ने कहा…

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फार्मेटिंग न होने के कारण मेरी यह पोस्ट पढ़ने में दिक्कत हो रही है, इसलिये पोस्ट को कमेंट में दे रहा हूँ...
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१- पहले मुनेन्द्र सोनी जी, फिर दीनबंधु जी, संजय कटारनवरे जी व उसके बाद अब अजय मोहन जी भी... ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सारे भड़ास के साथीगण यह मानते हैं कि पपीते को बिना छुऐ, बिना काटे, तंत्र-मंत्र या दैवीय-पैशाचिक शक्तियों के द्वारा पपीते के भीतर से बहुत सा माल बरामद होता दिखाना संभव है... और वही शक्ति बकरे की कटी हुई चार टांगें, अंडे, साड़ी का टुकड़ा, ब्लाउज की बांहें, नींबू, आल पिन, मिर्चें आदि आदि की शुन्य से उत्पति करने में भी सक्षम हैं... उम्मीद करता हूँ कि ऐसा न हो और अमित जैन जी की तरह ही कुछ और भड़ासी भी मुझ सा सोचने वाले हों ... :)

२- अजय मोहन जी क्योंकि विमर्शाधीन प्रकरण की तुलना क्योंकि तथाकथित "मिशन फिलाडेल्फिया"(अतिगोपनीय) से कर रहे हैं व संजय कटारनवरे जी मेटाफ़िजिक्स व पैरासाइक्लोजी को बीच विमर्श ला रहे हैं तो अन्य सभी की सुविधा के लिये बता दूँ कि क्या है यह तथाकथित मिशन...

चार लिंक दे रहा हूँ...

http://www.unexplained-mysteries.com/column.php?id=191033

http://www.ufodigest.com/article/philadelphia-athens-uss-eldridge-wartime-mission

http://www.users.globalnet.co.uk/~noelh/Philadelphia%20Expt.htm

http://www.zamandayolculuk.com/cetinbal/invisibilitytech2.htm

पूरा प्रकरण यह है कि ऐसा कयास लगाया जाता है कि अमेरिका ने एक फ्लोटिंग न्युक्लियर रियेक्टर से मिली अथाह उर्जा की बदौलत एक समुद्री जहाज को अदॄश्य कर दिया ... वजह corona discharge या use of a Unified Field Theory (UFT) by Einstein, and strong magnetic fields.या Invisibility created by using powerful electromagnetic fields to curve space around the object ( Light thus bends around the object and the object cannot be seen) बताई गयी...

वैसे तो यह पूरा प्रकरण ही Conspiracy Theorists का खड़ा किया हुआ है जो यह साबित करने पर तुली हैं कि जर्मनी के खिलाफ द्वितिय विश्व युद्ध में विजय Aliens की मदद से संभव हुई... परंतु एक बार यदि इसको सही भी मान लिया जाये तो भी यह मानना होगा कि पानी के जहाज को अदॄश्य एक उर्जा स्रोत की मदद से किया गया, व वैज्ञानिक व वैज्ञानिक क्षमता इस काम में लगे...

३- अब इसकी तुलना वर्तमान प्रकरण से करिये... तान्त्रिक किसी दैविय या पैशाचिक शक्ति की पूजा कर रहा है और वही शक्ति बकरे की कटी हुई चार टांगें, अंडे, साड़ी का टुकड़ा, ब्लाउज की बांहें, नींबू, आल पिन, मिर्चें आदि आदि तथाकथित रूप से बिना कटे पपीतों से बरामद करवा देती है... बहुत अकल्पनीय सा लगता है कि आज के दौर में भी कोई इस बात पर यकीन करे ... क्या इन सब चीजों की पपीते के अंदर टेलीपोर्टिंग हो गयी... यह सब करने के लिये उर्जा का स्रोत कहाँ है ?

४- किसी भी शक्ति की किसी मंत्र से उपासना करने, हवन करने, मांस-मदिरा-मैथुन आदि तान्त्रिक क्रिया करने, अघोर पंथ के पालन से... क्या किसी को ऐसी सिद्धि मिल सकती है कि वह हवा में बिना विमान उड़ सके, हवा से चीजें पैदा कर सके, दूर बैठे किसी आदमी को मार सके या बकौल अजय मोहन जी "पपीते क्या किसी भी जगह से कुछ भी और कोई भी निकलना संभव कर सके" ... मैं नहीं समझता कि ऐसा कुछ संभव है... जो यह मानते हैं उनसे अनुरोध है कि एक बार दोबारा पेड़ से तोड़े बिना कटे पपीते से ढेर सा माल निकाल पाने की तान्त्रिक की क्षमता का पुनर्प्रदर्शन करवा दिखायें...
मुझे पूरा विश्वास है कि ट्रिक पकड़ में आ जायेगी...


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